संत पापा ने अफ्रीका में अपहरण के शिकार पुरोहित से मुलाकात की

पोप फ्राँसिस ने सोमवार को इताली पुरोहित पियरलुईजी मेक्काली से वाटिकन में मुलाकात की, जिनका अपहरण जिहादी आतंकवादियों ने 17 सितम्बर 2018 को नाईजर से किया था और दो सालों तक कैद में रखने के बाद 8 अक्टूबर को रिहा कर दिया। फादर पियरलुईजी ने सोमवार को पोप फ्राँसिस से मुलाकात कर उन्हें धन्यवाद दिया जिन्होंने कलीसिया के साथ उनके लिए प्रार्थना की थी। अफ्रीकी मिशन सोसाईटी के सदस्य 59 वर्षीय फादर मेक्काली का जन्म इटली के मदिन्यानो शहर में हुआ था।

पोप फ्राँसिस से मुलाकात करने के उपरांत उन्होंने वाटिकन न्यूज से बातें करते हुए कहा, "मैं प्रभावित था, मैंने अपनी आपबीती संत पापा को सुनाया और अपनी प्रार्थना उन्हें समर्पित की, विशेषकर, उन समुदायों के लिए जहाँ उन्होंने काम किया, जो 2 सालों तक बिना पुरोहित के थे। मैंने संत पापा से नाईजर की कलीसिया के लिए प्रार्थना करने का आग्रह किया।" उन्होंने बताया कि संत पापा ने उनकी बातें ध्यान से सुनी।

देहात के मिशनरी :- फादर मेक्काली ने याद किया कि संत पापा फ्राँसिस ने संत पेत्रुस प्रांगण से मिशन रविवार 18 अक्टूबर को, देवदूत प्रार्थना के उपरांत मिशनरी की रिहाई की घोषणा करते हुए ताली बजाई थी।

फादर मेक्काली ˸ कैद, प्रार्थना और कृतज्ञता :- फादर मेक्काली ने बतलाया कि मुलाकात में पोप फ्राँसिस ने उनसे कहा, "हमने आपका समर्थन किया किन्तु आपने कलीसिया का समर्थन किया।" इसपर फादर मेक्काली ने कहा कि मेरे पास शब्द नहीं थे, मैं एक छोटा मिशनरी हूँ और उन्होंने मेरे लिए ऐसा कहा...मेरे पास सचमुच शब्द नहीं थे।"  

फादर मेक्कली ने पोप फ्राँसिस के आलिंगन को पिता का आलिंगन कहा जिनके लिए वे हर रोज प्रार्थना करते हैं। उनके सामने अपने आपको रखना मेरे लिए सचमुच भावुकता पूर्ण था और मैं बहुत अधिक आभारी महसूस कर रहा था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक मिशनरी जो विश्व के सुदूर क्षेत्रों में जाता है, वह कभी विश्वव्यापी कलीसिया के शीर्ष संत पापा के सामने अपने को प्रस्तुत कर सकता है।"   

उन्होंने कहा कि पोप फ्राँसिस के शब्दों से अधिक उनके भावों को वे अपने हृदय में सदा याद रखेंगे। फादर ने बतलाया कि जब संत पापा ने अंत में हाथ मिलाया और फादर का हाथ चूम लिया तो वे उसे स्वीकार नहीं कर पाये।  

आँसू की प्रार्थना :- अपने अपहरण की याद करते हुए फादर ने कहा, "आँसू ही कई दिनों तक मेरे भोजन और मेरी प्रार्थना थी जब मैं नहीं जान रहा था कि क्या कहना है।" एक दिन मैंने रब्बी के कथन की याद की जिन्होंने कहा था, ईश्वर महिलाओं के आँसूओं की गिरती करते है। तब मैंने प्रार्थना की, "प्रभु कौन जाने आप पुरूषों के आंसूओं की भी गिनती करते हों...मैं इन्हें प्रार्थना में आपको चढ़ाता हूँ कि शुष्क मिशन भूमि सींचित हो किन्तु उन लोगों के शुष्क हृदय को भी जो घृणा करते तथा युद्ध और हिंसा कारण बनते हैं।"   

अफ्रीका के मिशनरी ने मरूस्थल में जीवित रहने के लिए मौलिक आवश्यकता के बारे बतलाते हुए उन्होंने कहा कि "पीने के लिए पानी, खाने के लिए भोजन की अति आवश्यकता है, फिर भी यदि हर दिन एक ही तरह का भोजन मिले, जैसे, प्याज, दाल और एक प्रकार की छोटी मच्छली। तो यह रूचिकर भोजन नहीं रह जाता। उसी तरह आध्यात्मिक जीवन में भी होता है।"

फादर मेक्काली ने कहा, "एक मिशनरी के रूप में महत्वपूर्ण है शांति, क्षमाशीलता और भाईचारा। मैं अब शांति, भाईचारा और क्षमा का साक्षी होना और अधिक चाहता हूँ, आज एवं हमेशा के लिए।"

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