क्रिसमस मनाने हेतु राँची महाधर्मप्रांत की औपचारिक घोषणा।

ख्रीस्त जयन्ती समारोह मनाने के लिए राँची महाधर्मप्रांत ने एक गाईडलाईन जारी करते हुए औपचारिक घोषणा की है।

कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए इस साल की ख्रीस्त जयन्ती समारोह को आध्यात्मिक, पारिस्थितिक और गरीबों के साथ साझा किया गया एक सामुदायिक समारोह के रूप में मनाने की घोषणा की गई है। राँची के महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो ये.सं और सहायक धर्माध्यक्ष थेओदोर मसकरेनस एस.एफ.एक्स द्वारा हस्ताक्षरित एवं 12 दिसम्बर को जारी पत्र में विश्वासियों को ख्रीस्त जयन्ती समारोह मनाने हेतु दिशानिर्देश दिये गये हैं।

आध्यात्मिक क्रिसमस:-  राँची महाधर्मप्रांत के धर्माध्यक्षों ने विश्वासियों को गिरजाघर में ही जाकर पवित्र मिस्सा में भाग लेने पर जोर दिया है और कहा है कि ऑनलाईन मिस्सा आध्यात्मिक संतुष्टि प्रदान करते हुए भी "पवित्र मिस्सा में शारीरिक सहभागिता की औपचारिकता पूरी नहीं करते, पवित्र परमप्रसाद नहीं देते...यह केवल प्रतीकात्मक सहभागिता है संस्कारीय नहीं।" अतः पुरोहितों से अनुरोध किया गया है कि वे कम विश्वासियों के साथ अधिक बार मिस्सा अर्पित करने की व्यवस्था करें।

पारिस्थितिक ख्रीस्त जयन्ती:-  महाधर्मप्रांत ने विश्वासियों को चरनी बनाने का प्रोत्साहन दिया है किन्तु इस बात पर भी जोर दिया है कि वे इसके लिए फिजुल खर्च करने से बचें। उन्हें घरों को बत्तियों से अधिक नहीं सजाने, आतिशबाजी नहीं करने एवं सड़कों पर उत्सव नहीं मनाने की सलाह दी गई है।  

गरीबों के साथ साझा किया गया एक सामुदायिक समारोह:- राँची के धर्माध्यक्षों ने कहा है कि ख्रीस्त जयन्ती को गरीबों के साथ मिलकर मनाया जाएगा जिसके लिए 27 दिसम्बर का दिन निश्चित किया गया है। क्रिसमस के नाम पर इस दिन प्रत्येक पल्ली में जाति, धर्म और पंथ का भेदभाव किये बिना गरीबों को भोजन परोसा जाएगा। विश्वासियों को प्रोत्साहन दिया गया है कि वे लोगों के घरों में जाकर कैरोल के द्वारा प्रभु येसु के जन्म का संदेश दें। साथ ही, आर्चबिशप हाऊस में केक, उपहार और फूल आदि भेंट करने से मना किया गया है। कहा गया है कि इसके बदले बचाये गए पैसे दान किए जा सकते हैं।

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