कार्डिनल ताग्ले˸ महामारी के बीच क्रिसमस की मांग।

सुसमाचार प्रचार को प्रोत्साहन देने हेतु गठित परमधर्मपीठीय धर्मसंघ के अध्यक्ष कार्डिनल लुईस अंतोनियो ताग्ले ने 2020 में क्रिसमस मनाये जाने पर अपनी आशा व्यक्त किया है तथा कोविड-19 से पीड़ित लोगों को प्रोत्साहन दिया है।
दुःख और आशा दो भावनाएँ हैं जो महामारी के बीच क्रिसमस 2020 की विशेषताएँ हैं। यह साल जिसका अंत होनेवाला है पीड़ा से भरा है किन्तु कई पीड़ित लोगों की मदद के लिए प्रतिबद्धता को भी उजागर किया है।

वाटिकन न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कारितास इंटरनैशनल के अध्यक्ष कार्डिनल ताग्ले ने कोविड-19 महामारी से संक्रमित होने के अपने अनुभव को याद किया है तथा येसु के जन्म को आशा एवं सम्पूर्ण मानव जाति के पुनः जन्म के समय के रूप में स्वीकार करने के महत्व पर जोर दिया है।

उन्होंने कहा है कि 2020 का क्रिसमस, महामारी के कारण एक खास क्रिसमस होगा। इन सभी पीड़ाओं के बीच येसु का जन्म इस घायल मानव जाति के लिए आशा का संदेश लायेगा जो इस समय पहले अधिक जरूरी है। मैं सोचता हूँ कि हमें मूल क्रिसमस की याद करनी चाहिए, जब ख्रीस्त का जन्म हुआ था, वह एक आदर्श परिस्थिति नहीं थी। इस्राएली जीवन की एक कठिन परिस्थिति से गुजर रहे थे और ऐसी परिस्थिति में ईश्वर के पुत्र का जन्म हुआ था।  

कार्डिनल ने कहा, "मैं सोचता हूँ कि इस साल की समस्याएँ एवं पीड़ाएँ हमें आशा एवं क्रिसमस के संदेश पर ध्यान केंद्रित करने में मदद देंगे। यह क्या है? यह ईश्वर का हमारे पास आना है। हम कभी अकेले नहीं होंगे। इम्मानुएल˸ ईश्वर हमारे साथ हैं। अन्य चीजें गायब हो जायेंगी, हमारी जमा पूँजी, उपलब्धियाँ, उपहार, रूपये सब कुछ समाप्त हो जायेंगे। हम जिन चीजों को क्रिसमस से जोड़ते हैं वे भी गायब हो जायेंगे किन्तु येसु जो हमारे पास आते हैं उनके द्वारा ईश्वर हमारे साथ हैं, यह हमेशा बना रहेगा, उसी तरह हमारी आशा भी बनी रहेगी।"  

 

आप कोविड-19 से खुद संक्रमित हुए थे उन लोगों को क्या कहना चाहेंगे जो संक्रमित हो जाते हैं और ऐसी परिस्थिति में भय और अनिश्चितता का अनुभव करते हैं?

सबसे पहले मैं उन्हें बतलाना चाहता हूँ कि मैं उनका भाई हूँ जिसने अनुभव किया है खासकर, आंतरिक उथल-पुथल, चिंता और डर का। मैं उन्हें बतलाना चाहता हूँ और उन सभी लोगों को भी जो सुनना चाहते हैं कि हम जिसकी उम्मीद नहीं कर रहे होते हम उसी चौकाने वाली परिस्थिति से गुजरना पड़ेगा। जैसा कि सुसमाचार बतलाता है- "हम नहीं जानते कि प्रभु कब आयेंगे, अतः हमें तैयार रहना है।"

इसलिए हम प्रत्येक को हमारे जीवन के हर क्षण, हर दिन को ईश्वर के साथ शांति और पड़ोसियों के साथ मेल-मिलाप से जीना चाहिए। जिस अच्छे काम को हम अभी कर सकते हैं उसे बाद के लिए नहीं टालना चाहिए, जैसे कि दया के छोटे कार्य, न्याय के कार्य, एक फोन कोल, एक मुस्कान, यादगारी आदि क्योंकि हो सकता है, यह अवसर दुबारा न आये।

 

पोप फ्रांसिस ने कई बार कहा है कि महामारी ने सिद्ध कर दिया है कि कोई भी अकेला नहीं बच सकता। संत पापा के इन शब्दों का साक्ष्य देने के लिए ख्रीस्तीय ठोस रूप में क्या करते हैं?  

बहुत सारी चीजें हैं जिनको ख्रीस्तीय करते हैं। मैं हमेशा याद करता हूँ कि विभिन्न स्थानों और विभिन्न पीढ़ियों के ख्रीस्तीय कितनी रचनात्मकता के साथ क्रिसमस मनाते हैं। जब आप एक देश से दूसरे देश जायेंगे हर जगह क्रिसमस को रचनात्मक ढंग से मनाते हुए पायेंगे।  

इस महामारी में 2020 के क्रिसमस ने एकात्मता का आह्वान किया है। मैं उम्मीद करता हूँ कि हम इसे काफी रचनात्मक रूप से मना पायेंगे, विशेषकर, हमारे उन भाई बहनों की याद करते हुए जो हमारे लिए प्रिय हैं। अपने लिए पैसा बचाने की अपेक्षा अपने पड़ोसी के लिए खर्च करते हुए। अपने और अपने लिए उत्तम भोजन तैयार करने की अपेक्षा, उन लोगों के भोजन की भी चिंता करते हुए जिनके पास खाने के लिए कुछ नहीं है। कई रास्ते हैं जिनके द्वारा प्रकट किया जा सकता है कि हम उनके भाई, बहन या मित्र हैं। 

 

साल 2020 समाप्त होने वाला है। यह दुखद साल रहा है। नया साल में आप क्या चाहेंगे?

मैं कामना करता हूँ कि लोगों को शक्ति, आशा, विश्वास और आनन्द मिले ताकि वे नये साल को उज्जवल बना सकें। हम बाह्य चीजों में बदलाव की उम्मीद नहीं कर सकते। शायद वे नहीं बदलेंगे परन्तु हम अपना दृष्टिकोण बदल सकते हैं जो नये साल को बेहतर, एकात्मतापूर्ण, आशामय और आनन्दमय बनायेगा।  

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