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संत पिता ने कहा चालीसा काल में मनन-चिंतन एवं मौन प्रार्थना द्वारा आशा प्राप्त करें

म्यांमार पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर किया बल प्रयोग, 18  लोगों के मारे जाने की खबर

मेघालय में नकाबपोश लोगों ने सेंट जेवियर कॉलेज परिसर में सो रहे मजदूरों पर हमला किया

उत्तरप्रदेश में धर्मांतरण विरोधी बिल पास किया।

WHO ने कहा- अब तक 10% से भी कम लोगों में एंटीबॉडी डेवलप हुई

 

संत पिता ने कहा चालीसा काल में मनन-चिंतन एवं मौन प्रार्थना द्वारा आशा प्राप्त करें

चालीसा काल प्रार्थना, उपवास और दान देने का समय है अर्थात् आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनने का समय।संत पिता  फ्रांसिस ने चालीसा काल की यात्रा में आगे बढ़ते हुए मनन-चिंतन एवं मौन प्रार्थना करने का प्रोत्साहन दिया। उन्होंने 27 फरवरी के ट्वीट संदेश में लिखा, "मनन-चिंतन एवं मौन प्रार्थना द्वारा, आशा हमें आंतरिक प्रकाश की तरह, चुनौतियों का सामना करने में मदत करती है ।

 

म्यांमार पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर किया बल प्रयोग, 18  लोगों के मारे जाने की खबर

म्यांमार की पुलिस ने सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर कई शहरों में फिर फायरिंग की है। पुलिस की फायरिंग में कम से कम 18 लोगों की मौत हुई है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने पुष्टि की है कि रविवार को म्यांमार में हुए हिंसक प्रदर्शनों में 18 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, अभी तक म्यांमार की सैन्य सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को तीन प्रदर्शनकारियों की मौत रंगून में पुलिस की गोली से हुई है। जबकि, दावोई शहर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों की झड़प में दो लोगों की मौत की खबर है। बाकी के दो लोगों की मौत मांडले में पुलिस की फायरिंग में हुई है। बताया जा रहा है कि इन तीनों शहरों में मरने वाले लोगों की तादाद इससे भी ज्यादा हो सकती है। ऐसी भी खबरे हैं कि सुरक्षाबलों ने देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे और पानी की बौछारे भी की हैं। ऐसी खबरें हैं कि पुलिस ने म्यांमा के सबसे बड़े शहर यांगून में गोलियां चलाईं और प्रदर्शनकारियों को सड़कों से उठाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे तथा पानी की बौछारें छोड़ीं।

 

मेघालय में नकाबपोश लोगों ने सेंट जेवियर कॉलेज परिसर में सो रहे मजदूरों पर हमला किया

मेघालय के पश्चिम खासी हिल्स जिले के अधिकारियों ने बुधवार रात एक निर्माण स्थल पर नकाबपोशों के हमला करने के बाद असम में सात मजदूरों को घर भेज दिया है। एक मजदूर की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। मिशनरी कॉलेज, जहाँ वे काम कर रहे थे, को भी हमले के मद्देनजर अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया।पुलिस ने बताया कि करीब 15-20 नकाबपोश बदमाशों ने धारदार और कुंद हथियारों से लैस होकर असम के दक्षिण सलमारा-मनकाचर जिले के आठ लोगों पर हमला किया जब वे सेंट जेवियर कॉलेज परिसर के अंदर सो रहे थे।कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल फादर एल डेविड नुखू ने कहा कि 10 फरवरी को मजदूरों को कॉलेज के प्रशासनिक ब्लॉक और एक गर्ल्स हॉस्टल के निर्माण के लिए लाया गया था। खासी हिल्स स्वायत्त जिला परिषद में संबंधित विभाग ने उन्हें लाने की अनुमति दी थी।“लेकिन 22 फरवरी को, गांव के प्राधिकारी के मुखिया और अन्य सदस्यों ने आकर हमें बताया कि मजदूर कॉलेज में काम नहीं कर सकते। हमने उन्हें दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया और 24 फरवरी को गाँव के अधिकारियो की अनुमति के बाद ही हमने उन्हें काम करने दिया।

 

उत्तरप्रदेश में धर्मांतरण विरोधी बिल पास किया।

उत्तर प्रदेश में 24 फरवरी को, विरोध प्रदर्शनों के बीच, बल और कपटपूर्ण तरीकों से किए गए धर्मांतरण को रोकने के लिए एक कानून पारित किया गया। नवीन विधेयक में उल्लंघन कर्त्ताओं को 10 साल तक कारावास और 50,000 रुपये के अधिकतम ज़ुर्माने का प्रावधान है।धर्माध्यक्ष मथायस ने कहा, "नए विधेयक की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि उत्तरप्रदेश में पहले से ही धर्मान्तरण की जांच के लिए एक बिल था, लेकिन यह चिंता का विषय है क्योंकि बलात धर्मान्तरण के नाम पर बहुसंख्यक समूहों द्वारा इसका दुरुपयोग किया जा सकता है, विशेष रूप से, अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ।"उन्होंने कहा, "काथलिक कलीसिया देश में धर्मान्तरण को बढ़ावा नहीं देती है। वह न तो धर्मान्तरण का प्रचार करती है और न ही बलात धर्म परिवर्तन में विश्वास करती है, और जहां तक मेरे राज्य में कलीसिया का सवाल है, वहां किसी भी व्यक्ति के धर्मान्तरण का कोई कोई रिकॉर्ड नहीं है।"

 

WHO ने कहा- अब तक 10% से भी कम लोगों में एंटीबॉडी डेवलप हुई

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने कहा कि दुनिया में 10% से भी कम लोगों में कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए एंटीबॉडी डेवलप हो पाई है। चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने बताया कि सिर्फ वैक्सीनेशन के जरिए ही हम ज्यादा से ज्यादा लोगों में हर्ड इम्यूनिटी डेवलप कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि मौजूदा वक्त में लगाई जा रही वैक्सीन कोरोना के सीवियर केसों पर कारगर साबित हो रही है। माइल्ड डिसीज और बिना लक्षण वाले संक्रमण के खिलाफ वैक्सीन कितनी असरदार है, इस पर स्टडी की जा रही है।

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