वादों को खारिज

अपने दु: खभोग और मरण का समय निकट आता जान कर येसु बहुत उदास होते हैं। वह दुबारा अपने शिष्यों से कहते हैं कि- तुम में से ही एक मुझे पकड़वा देगा। ईश्वर की योजना भी अपूर्व होती है। उसने अपने पुत्र के द्वारा संसार की मुक्ति करना चाहा। ईश्वर ने अपने पुत्र को दीन- हीन सेवक के रूप में इस दुनिया में भेजा ताकि वह सारी मानव जाति को एकत्र करें। येसु को मालूम था कि उसका समय निकट आ गया है। इसलिए वह अपने शिष्यों के साथ पास्का- भोज की तैयारी करते हैं।
भोजन के समय ही येसु ने अपने शिष्यों को एक अच्छे और भले सेवक का उदाहरण दिया ताकि वे अपने जीवन में विनम्र और उदार बने। ईश्वरीय इच्छा पूरी करने के लिए अपने को पूर्ण रूपेण समर्पित करने के लिए येसु ने भी पूरी मानव जाति के लिए अपने को अर्पित कर दिया। इसलिए ईश्वर ने उन्हें महान् बना दिया और अपनी ही महिमा से येसु को महिमान्वित किया। येसु हमारे आदर्श हैं । येसु के पद चिह्नों पर चल कर हम भी उसी महिमा से महिमान्वित किये जा सकें। ईश्वर हम सबों को अपनी कृपा प्रदान करें।

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