वाटिकन द्वारा गरीबों की सेवा हेतु प्रतिबद्धता

इटली के अस्पताल में कोरोना वायरस रोगियों की सेवा  (AFP or licensors)इटली के अस्पताल में कोरोना वायरस रोगियों की सेवा (AFP or licensors)

रोम ने कोरोना वायरस के कहर के बावजूद भी गरीबों की सेवा हेतु अपनी प्रतिबद्धता को घोषित किया।वाटिकन अब भी गरीब एवं बेघर लोगों को स्नान करने की सुविधा, विश्राम कक्ष और भोजन प्रदान कर रहा है जिनमें से अधिकांश संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण की जमीन पर सोते हैं। कार्डिनल कोनराड क्रजेवस्की ने उन लोगों के लिए एक अपील जारी की है जो गरीबों से मुलाकात करते हैं, “गरीब लाजरूस को अनदेखा न करें जो आपके द्वार पर दस्तक देते हैं। वाटिकन के करीतास कार्यालय ने कहा है कि वाटिकन कारोना वायरस के बावजूद गरीबों की पुकार सुनता रहेगा।” उन्होंने कहा, यद्यपि हम सुरक्षित शारीरिक दूरी बना कर रखते हैं, दस्ताना पहनते और झुंड बनाने से बचते हैं फिर भी हम उन लोगों की मदद कर सकते हैं जो हमारे बगल में रहते हैं।

आवश्यकता के गंभीर क्षण 
कार्डिनल कॉनराड ने कहा है कि गरीबों को मदद करने का यह गंभीर समय है। सामान्य समय में बेघर लोग चाय की दुकान और रेस्टोरेंट में पनाह लेते हैं किन्तु इनमें से अधिकतर दुकानें बंद हो चुकी हैं। अतः हमारे स्नान करने की सुविधा  एवं विश्राम गृह को खुला रखना होगा और उसी तरह भोजन का भी प्रबंध करना होगा।

वाटिकन के निकट रहने वालों की मदद
कार्डिनल ने कहा कि उनका केंद्र पहले की तरह सभी सेवाओं को प्रदान करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा, हमारे स्वयंसेवक अपने पूराने रूटीन का पालन कर रहे हैं। हम रोम के रेलवे स्टेशन में भोजन तथा संत पेत्रुस महागिरजाघर के परिसर में स्नान की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। हम उन्हें सैंडविच और पेयजल भी प्रदान कर रहे हैं। मिशनरीस ऑफ चैरिटी की धर्मबहनें दोनो दी मरिया में कुल 120 पैकेट भोजन हर शाम वितरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए खुला नया मकान गरीबों के लिए अभी भी गरम बेड और नास्ता प्रदान कर रहा है।
गिरजाघर के द्वार भर बेहिचक दस्तक दें
कार्डिनल कॉनराड ने रोम और विश्व के गरीब जो लोग अपने आपको आवश्यकता में पाते हैं और अलग रहने के इस कठिन समय में जगह के बिना हैं उन्हें सलाह देते हुए कहा, “मैं गरीबों को सलाह देता हूँ कि वे पल्ली के दरवाजों एवं गिरजाघरों को बिना भय खटखटायें क्योंकि ख्रीस्तीय मनोभाव हमें सिखलाता है कि हम खटखटाने वालों से लिए अपना द्वार खोलें।”

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