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1989 हत्या के लिये 13 साल्वाडोरन सैनिकों पर प्रतिबन्ध
मध्य अमेरिकी देश के गृहयुद्ध के दौरान, लगभग 30 साल पहले, छः येसु धर्मसमाजी काथलिक पुरोहितों सहित 8 लोगों की असाधारण हत्याओं के सिलसिले में, संयुक्त राज्य अमरीकी विदेश विभाग ने, आल साल्वाडोर के 13 वर्तमान और पूर्व सैन्य अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। युद्ध के दौरान एक प्रमुख वामपंथी विद्रोही दल की कार्रवाई के चलते एल साल्वाडोर की राजधानी सान साल्वाडोर स्थित केन्द्रीय अमरीकी विश्वविद्यालय में, 16 नवम्बर, सन् 1989 ई. को, वर्दीधारी बंदूकचियों ने छः येसु धर्मसमाजी पुरोहितों को उनकी पलंगों से घसीटकर उनकी हत्या कर डाली थी। पुरोहितों की रसोइया तथा उनकी पुत्री की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
"विश्वसनीय जानकारी" के आधार पर
29 जनवरी को एक बयान में, यू.एस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट, माइक पोम्पिओ ने कहा कि उन्हें इस बात की "विश्वसनीय जानकारी" मिली है कि वर्तमान एवं पूर्व अधिकारी, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से, "मानव अधिकारों के उल्लंघन एवं महत्वपूर्ण भ्रष्टाचार के कार्य" में शामिल थे। वे "अन्धाधुन्ध हत्याओं के षड़यंत्र और निष्पादन में शामिल थे"।श्री पोमपेय ने कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका आल साल्वाडोर में जारी जवाबदेही, पुनर्मिलन और शांति प्रयासों का समर्थन करता है।" उन्होंने कहा, "हम साल्वाडोर सशस्त्र बलों के साथ अपने संबंधों को महत्व देते हैं, लेकिन मानव अधिकारों के उल्लंघन और सम्पूर्ण विश्व में दुर्व्यवहारों को संबोधित करने के लिए हम सभी उपलब्ध साधनों और प्राधिकरणों का उचित रूप से उपयोग करना जारी रखेंगे, चाहे वे कहीं भी हों तथा किसी भी दल द्वारा किये जायें।"
गृहयुद्ध में 75,000 हज़ार मारे गये थे
एल साल्वाडोर का गृह युद्ध 1979 से 1992 तक देश की दक्षिणपंथी सैन्य सरकार और एक वामपंथी क्रान्तिकारी समूह फाराबुन्दो मार्टी नेशनल लिबरेशन फ्रंट के बीच लड़ा गया था। पूर्व वामपंथी दल आज एल साल्वाडोर की एक राजनैतिक पार्टी है। अनुमान है कि युद्ध में लगभग 75,000 लोग मारे गए थे तथा 8,000 से अधिक लापता हो गए थे।येसुधर्मसमाजी उस समय एल साल्वाडोर में सरकार और वामपंथी विद्रोही दल के बीच शांति वार्ता के सक्रिय प्रस्तावक थे। यह माना जाता है कि येसु धर्मसमाजी पुरोहितों को वामपंथी विद्रोहियों के स्पष्ट समर्थन के लिये मार डालने का आदेश दिया गया था।
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