हिरोशिमा में परमाणु बमबारी की 76वीं वर्षगाँठ पर धर्माध्यक्षों द्वारा शांति की अपील। 

जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों में परमाणु बम गिराये जाने की 76वीं वर्षगाँठ पर नागासाकी के महाधर्माध्यक्ष जोसेफ मितस्वाकी तकामी ने शांति स्थापित करने हेतु एकजुट होकर प्रयास करने पर जोर दिया। जापान ने शुक्रवार को हिरोशिमा और नागासाकी में परमाणु बम गिराये जाने की 76वीं वर्षगाँठ मनायी।
वार्षिक समारोह को कोविड -19 के कारण इस साल छोटा किया गया, नागरिकों ने स्थानीय समयानुसार सुबह 8:15 बजे - ठीक उसी समय जब 76 साल पहले हिरोशिमा में पहला बम गिरा था, एक मिनट का मौन रखा।
अमरीका ने 6 अगस्त 1945 को हिरोसिमा में दुनिया का पहला परमाणु बम गिराया जिसने शहर को नष्ट कर दिया एवं करीब 140,000 लोग मौत के शिकार हो गये। अमरीका ने दूसरा बम तीन दिनों बाद नागासाकी में गिराया जिसमें करीब 70,000 लोगों की मौत हो गई। जापान ने 15 अगस्त 1947 को आत्मसमर्पण कर दिया और इसी के साथ द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हो गया।
शुक्रवार के पहले वाटिकन न्यूज के पत्रकार अंद्रेया दी अंजेलिस ने नगासाकी के महाधर्माध्यक्ष जोसेफ मितसुवस्की से बातें कीं जिन्होंने परमाणु बम गिराये जाने की बरसी मनाने एवं शांति के लिए काम करने हेतु कलीसिया की भूमिका पर चिंतन किया।
बम के कारण हुए महाविनाश की याद करते हुए महाधर्माध्यक्ष ने गौर किया कि इसका प्रभाव पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ रहा है, अतः उन्होंने शांति के लिए कार्य करने के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने याद किया कि नवम्बर 2019 में जापान में संत पिता फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा के दौरान उनके संदेश का केंद्रविन्दु था शांति और सभी जीवों के जीवन के अधिकार की रक्षा करना, न केवल शारीरिक रूप से बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी। महाधर्माध्यक्ष ने बतलाया कि यह भी एक मिशन है जो येसु के द्वारा दिया गया है।
इससे प्रेरित होकर कलीसिया को न केवल शांति के लिए प्रार्थना करना है बल्कि परमाणु हथियारों के निषेध को बढ़ावा देना है, ताकि सभी राष्ट्र इसके लिए अपनी सहमति दे सकें और इसे पुष्ट किया जा सके, जिससे विश्व परमाणु हथियार से मुक्त हो सके।
उन्होंने कहा, "परमाणु हथियारों को समाप्त करना दुनिया की एक चुनौती है जिसको दुनिया को शांति के रास्ते को अपनाते हुए जीतना है। हमें नवीनीकरण के लिए कई प्रयास करने हैं, येसु ख्रीस्त द्वारा सिखाये एवं दिखाये रास्ते पर चलने हेतु प्रोत्साहन देते हुए मानवीय भावना जगाना है।"
हिरोशिमा में शांति मेमोरियल पर वर्षगाँठ समारोह पर हिरोशिमा के महापौर कजुमी मतसुई ने विश्व के नेताओं से अपील की कि वे परमाणु हथियार उन्मूलन के लिए उसी तरह प्रतिबद्ध हों जिस तरह वे महामारी का सामना कर रहे हैं क्योंकि विश्व उसे मानवता के लिए खतरा मान रही है।
मतसुई ने कहा, "परमाणु हथियार, युद्ध जीतने के लिए विकसित, कुल विनाश का खतरा है जिसे हम निश्चित रूप से समाप्त कर सकते हैं, यदि सभी राष्ट्र एक साथ काम करें, अंधाधुंध वध के लिए लगातार तैयार इन हथियारों से कोई स्थायी समाज संभव नहीं है।"
जापान के प्रधानमंत्री योशिहाईद सुगा ने कहा कि सरकार परमाणु बम विस्फोट में जीवित बचे लोगों का समर्थन करना जारी रखेगी और उन्होंने सभी देशों को परमाणु हथियारों के पूर्ण उन्मूलन को बढ़ावा देने हेतु मिलकर काम करने के लिए आमंत्रित किया।
एक वीडियो संदेश में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंतोनियो गुटेर्रेस ने पुष्ट किया कि "परमाणु हथियारों के उपयोग के खिलाफ एकमात्र गारंटी उनका पूर्ण उन्मूलन है" और परमाणु मुक्त दुनिया को प्राप्त करने की दिशा में धीमी गति से प्रगति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने परमाणु हथियार मुक्त विश्व के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
टोक्यो में चल रहे 32वें ओलंपिक खेलों के कारण इन दिनों अंतरराष्ट्रीय ध्यान पूर्वी एशियाई देश पर रहा है, जिसका समापन रविवार, 8 अगस्त को होगा।

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