यूएन द्वारा 2021 फलों व सब्जियों का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित।

आने वाले वर्ष में, संयुक्त राष्ट्र ने फल और सब्जियों की खपत के माध्यम से विविध, संतुलित और स्वस्थ आहार और जीवन शैली को बढ़ावा देने की योजना बनाई है, टिकाऊ खाद्य उत्पादन बढ़ाने और खाद्य पदार्थों को कूड़े-कचरे में तब्दील होने से रोकने के लिये और ज़्यादा प्रयास करने का भी आहवान किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र ने, मानव स्वास्थ्य में पोषण और खाद्य सुरक्षा में, फल व सब्ज़ियों की बहुत अहम भूमिका के बारे में जानकारी बढ़ाने के इरादे से, वर्ष 2021 को फल व सब्ज़ियों का अन्तरराष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है। इस अवसर पर टिकाऊ खाद्य उत्पादन बढ़ाने और खाद्य पदार्थों को कूड़े-कचरे में तब्दील होने से रोकने के लिये और ज़्यादा प्रयास करने का भी आहवान किया गया है।

कोई भी पीछे ना छूटे:- संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने इस अभियान की शुरुआत करने के मौक़े पर जारी अपने सन्देश में कहा है कि फलों और सब्ज़ियों के अनगिनत फ़ायदों के बावजूद, “हम अभी उनका उपभोग भरपूर मात्रा में नहीं करते हैं।”

महासचिव का कहना है, “फल और सब्ज़ी एक स्वस्थ और भिन्नता वाली ख़ुराक का अटूट हिस्सा हैं। फल और सब्ज़ियाँ, मानव स्वास्थ्य के लिये भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मुहैया कराते हैं, उनकी रोग प्रतिरोधी क्षमता मज़बूत करते हैं और अनेक बीमारियों का ख़तरा कम करने में भी मदद करते हैं।”

यूएन प्रमुख ने कहा, “ऐसे समय में, जबकि कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर में लोगों के स्वास्थ्य और आजीविकाओं तबाही मचाई हुई है। हमें मिलजुलकर ही ये सुनिश्चित करना होगा कि बेहद नाज़ुक हालात में रहने वाले लोगों तक पोषक भोजन पहुँच सके, जिसमें फल व सब्ज़ियाँ भी हों और कोई भी पीछे ना छूट पाए।”

सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी):- महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने खाद्य प्रणालियों और टिकाऊ विकास के बीच की मज़बूत कड़ी की तरफ़ भी ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने तमाम सम्बद्ध पक्षों का आहवान किया कि खाद्य प्रणालियों को और ज़्यादा समावेशी, मज़बूत व लचीली और टिकाऊ बनाएँ, जिसमें उत्पादन व खपत के लिये ऐसी सम्पूर्ण व व्यापक दायरे वाले तरीक़े अपनाएँ जिससे इनसानों और पर्यावरण, दोनों के स्वास्थ्य के लिये फ़ायदा हो।

महासचिव ने कहा, “आइये, अन्तरराष्ट्रीय वर्ष को, हम ये सोचने के लिये एक अवसर के रूप में इस्तेमाल करें कि खाद्य पदार्थों का जो उत्पादन और उनका उपभोग करते हैं, उसके बीच क्या सम्बन्ध है और अपनी खाद्य प्रणालियों की समीक्षा करते, उन्हें ज़्यादा स्वास्थ्यप्रद, ज़्यादा लचीली व मज़बूत और टिकाऊ बनाएँ, जहाँ हर एक मानव को पोषक व भिन्न-भिन्न ज़ायक़ों वाली ख़ुराकें मयस्सर हो सकें।”

एफएओ:- संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) अन्य संगठनों के सहयोग से, वर्ष के उत्सव का नेतृत्व कर रहा है।  संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन के महानिदेशक चु डोंग्यू  ने 15 दिसंबर को एक आभासी घटना के साथ अंतर्राष्ट्रीय वर्ष का शुभारंभ किया, जिसमें सभी से नवाचार और प्रौद्योगिकी के माध्यम से स्वस्थ और टिकाऊ खाद्य उत्पादन में सुधार करने और खाद्य हानि और कचरे को कम करने की अपील की गई।

महानिदेशक चु डोंग्यू  ने पहल को "वैश्विक जागरूकता बढ़ाने का एक अनूठा अवसर" बताया। उन्होंने कहा कि कोविद -19 महामारी ने लोगों को भूख और कुपोषण से लड़ने के नए तरीके खोजने के लिए चुनौती दी थी, और कहा कि फल व सब्ज़ियों का अन्तरराष्ट्रीय वर्ष (आइवाइएफवी) पोषण और बाजार के अवसरों में सुधार करने में डिजिटल प्रौद्योगिकियों की भूमिका को उजागर करेगा।

स्वास्थ्य लाभ:- फल व सब्ज़ियों का भरपूर मात्रा में उपभोग करने से अनेक तरह के स्वास्थ्य और पोषण फ़ायदे होते हैं। फल व सब्ज़ियाँ फ़ाइबर, विटामिन और ऐसे खनिज पदार्थों से भरपूर होते हैं जो बच्चों की बढ़त और विकास के लिये बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, साथ ही ये उनकी रोग प्रतिरोधी क्षमता भी मज़बूत करते हैं।

फल व सब्ज़ियाँ खाने से डिप्रैशन यानि अवसाद और चिन्ता, मौटापे और ग़ैर-संचारी बीमारियों का भी बहुत कम जोखिम होता है, इन्हें खाने से पेट अच्छा रहता है और बारीक पोषक तत्वों की कमी होने से बचने में मदद मिलती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन  के अनुसार, एक स्वस्थ ख़ुराक के रूप में, लोगों को हर दिन, कम से कम 400 ग्राम फल व सब्ज़ियाँ ज़रूर खानी चाहिये।

यूएन महासभा ने, मानव पोषण, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य के साथ-साथ टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल करने में फलों व सब्ज़ियों की अहम भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के मक़सद से, वर्ष 2021 को फल व सब्ज़ियों का अन्तरराष्ट्रीय वर्ष, 2019 में घोषित किया था।

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