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काथलिक मीडिया से संत पापा : विविधता के बीच एकता के चिन्ह बनें
संत पापा फ्राँसिस ने काथलिक मीडिया सम्मेलन को एक संदेश भेजा। 30 जून से 2 जुलाई तक वर्चुवल सम्मेलन का आयोजन काथलिक प्रेस संगठन के द्वारा किया गया है।
संदेश में, संत पापा ने दृढ़ विश्वास के पुरुषों और महिलाओं की आवश्यकता पर बल दिया है "जो संचार को उन सभी चीजों से बचाते हैं जो इसे विकृत करते या अन्य उद्देश्यों के लिए प्रयोग करते हैं।"
काथलिक प्रेस संगठन (सीपीए) की स्थापना सौ वर्षों पहले अमरीका में, इसके सदस्यों को एकजुट करने के उद्देश्य से की गई थी। संगठन में करीब 225 प्रकाशनों के सदस्य एवं 600 व्यक्तिगत सदस्य शामिल हैं।
विविधता में एकता
इस साल सम्मेलन की विषयवस्तु है – "एक साथ किन्तु अलग" – संत पापा ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से महामारी की भावना व्यक्त करता है, जो विरोधाभासी रूप से, महामारी द्वारा लगाए गए सामाजिक भेद के अनुभव से निकला है।
संत पापा ने विश्व संचार दिवस पर पिछले साल के संदेश की याद करते हुए कहा कि जैसा कि संत पौलुस कहते हैं संचार हमें एक-दूसरे के अंग बनने में मदद देता है। यह रिश्तों के विस्तृत नेटवर्क के भीतर एक साथ जीने के लिए प्रेरित करता है। संत पापा ने कहा कि महामारी के कारण हम प्रत्येक ने इस सच्चाई की अधिक पूर्णता के साथ सराहना की है। मैंने अनुभव किया है कि विगत महीनों में लोगों को एक साथ लाने, दूरियाँ कम करने, आवश्यक जानकारी प्रदान करने एवं दिमाग और दिलों को सच्चाई के लिए खोलने हेतु संचार की प्रेरिताई ने अपने महत्व को प्रकट किया है।
संत पापा ने संदेश में कहा है कि "ए प्लुरिबुस उनुम" – विविधता के बीच एकता की विचारधारा, आदर्शवाक्य में प्रतिबिम्बित होता है। उन्होंने कहा कि इसे सार्वजनिक भलाई के लिए अर्पित सेवा में भी परिलक्षित होना चाहिए। आज संघर्षों और ध्रुवीकरण से चिह्नित युग में इसकी कितनी आवश्यकता है, जिससे काथलिक समुदाय भी सुरक्षित नहीं है।
संचार के कर्तव्य
संत पापा ने कहा कि "हमें ऐसी मीडिया की जरूरत है जो सेतु का निर्माण करे, जीवन की रक्षा करे एवं व्यक्ति तथा समुदाय के बीच सच्ची वार्ता को रोकनेवाली दृश्य और अदृश्य दीवारों को ढ़ाह दे।"
हमें ऐसी मीडिया की आवश्यकता है जो लोगों को मदद कर सके, खासकर, युवाओं को, कि वे बुराई से अच्छाई का निर्माण कर सकें, सही न्याय विकसित कर सकें जो स्पष्ट एवं निष्पक्ष प्रस्तुति तथा न्याय, सामाजिक सामंजस्य एवं आमघर के लिए सम्मान हेतु कार्य के महत्व पर आधारित हो। संत पापा ने दृढ़ संकल्प के स्त्री एवं पुरूषों की आवश्यकता पर जोर दिया जो संचार को विकृत करने और अन्य मकसदों के लिए उपयोग करने से इसकी रक्षा करते हैं।
संत पापा ने कहा कि एक ख्रीस्तीय के रूप में हम प्रत्येक जन, जहाँ कहीं भी हैं, प्रेम से सच्चाई की सेवा में सहयोग देने के लिए बुलाये गये हैं ताकि कलीसिया ख्रीस्त में पूर्ण परिपक्वता के साथ बढ़ सके।
संत पापा ने स्वीकार किया कि संचार में केवल पेशा की बात नहीं है। एक सच्चा पत्रकार दूसरों की भलाई के लिए अपने आप को पूरी तरह, हर स्तर पर, एक व्यक्ति से लेकर पूरे मानव परिवार के जीवन के लिए समर्पित कर देता है। हम तब तक समाचार नहीं दे सकते, जब तक कि हम उसमें शामिल न हो जाएं, व्यक्तिगत रूप से समाचार की सच्चाई से जुड़े न हो जाएँ। हर संचार का अपना अंतिम स्रोत तृत्वमय ईश्वर के जीवन में है जो हमारे साथ अपने ईश्वरीय जीवन को बांटते एवं सच्चाई की सेवा में एक होकर इसे पुनः दूसरों को बांटने के लिए बुलाते हैं।
संत पापा ने सम्मेलन पर पवित्र आत्मा की प्रज्ञा, समझ एवं भली सलाह की कृपा की याचना की है। उन्होंने कहा है कि पवित्र आत्मा ही हमें पीड़ित लोगों से आंखें बंद नहीं कर लेने एवं सभी के लिए सच्चाई की खोज करने की कृपा प्रदान करता है। केवल इसी नजर से हम जातिवाद, अन्याय और उदासीनता की बीमारी से ऊपर उठने हेतु प्रभावशाली ढंग से कार्य कर सकते हैं जो हमारे आमघर के चेहरे को विकृत कर सकता है।
नाम लेकर पुकारें विशेषण का प्रयोग न करें
संत पापा ने सम्मेलन को दिये अपने संदेश में ख्रीस्तीय पत्रकारों से आग्रह किया कि वे नाम लेकर पुकारें जो सत्य के शांत दावों को स्वीकार करता और उन्हें आगे बढ़ाता है, तथा एक ऐसी दुनिया में जहाँ आसानी से सर्वनाम एवं विशेषण का प्रयोग किया जाता है, संज्ञा मानव प्रतिष्ठा को प्रोत्साहित करता है।
संत पापा ने मीडिया के सदस्यों के लिए कामना की है कि "जब विश्व में संघर्ष एवं विभाजन है आप पीड़ित एवं गरीब को देख सकें तथा हमारे भाई बहनों पर, दया और समझदारी की आवश्यकता के लिए अपनी आवाज दे सकें।"
काथलिक मीडिया सम्मेलन में प्रमुख वक्ताओं में वाटिकन संचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. पाओलो रूफीनी भी हैं। वर्चुवल सम्मेलन 30 जून से 2 जुलाई तक आयोजित है।
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