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संत पापा द्वारा पवित्र हृदय की भक्ति करने का प्रोत्साहन
देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने उपस्थित सभी विश्वासियों का अभिवादन किया तथा महामारी से बचने के लिए सावधानी जारी रखने की सलाह दी और जून के महीने में पवित्र हृदय की भक्ति करने का प्रोत्साहन दिया।
संत पापा ने कहा, "मैं आप सभी रोमवासियों एवं तीर्थयात्रियों का अभिवादन करता हूँ। इस प्रांगण में आपकी उपस्थिति इस बात का संकेत है कि महामारी से स्थिति ठीक हो रही है, फिर भी, आवश्यक है कि आप सावधानी करें, पहले-पहले जयघोष न करें, शीघ्रता में विजय गीत न गायें। वर्तमान के नियमों का ध्यानपूर्वक पालन करें, क्योंकि वे ऐसे नियम हैं जो वायरस को आगे बढ़ने से रोकने में हमारी मदद करते हैं। ईश्वर का शुक्र है कि हम इसके मजबूत केंद्र को छोड़ रहे हैं, लेकिन हमेशा उन नुस्खों के साथ आगे बढ़ें जो अधिकारी हमें देते हैं।"
कोरोना वायरस पीड़ितों के प्रति सामीप्य
संत पापा ने उन देशों की भी याद की जो इन दिनों कोरोना वायरस महामारी से अधिक प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, "मैं दूसरे देशों की याद करता हूँ जहाँ दुर्भाग्य से, वायरस अब भी बहुत सारे लोगों को अपना शिकार बना रहा है। पिछले शुक्रवार को, एक देश में हरेक मिनट में एक व्यक्ति मौत का शिकार हो रहा था। यह अत्यन्त दुखद है। मैं उन बीमार लोगों एवं उनके परिवार वालों तथा उनकी देखभाल करने वालों को अपना आध्यात्मिक सामीप्य प्रदान करना चाहता हूँ। हम अपनी प्रार्थना द्वारा उनके करीब हैं।"
पवित्र हृदय की भक्ति
जून महीने में पवित्र हृदय की विशेष भक्ति की जाती है संत पापा ने विश्वासियों को पवित्र हृदय की भक्ति करने का प्रोत्साहन देते हुए कहा, "जून महीने को ख्रीस्त के पवित्र हृदय को विशेष रूप से समर्पित किया गया है। यह एक ऐसी भक्ति है जो महान आध्यात्मिक धर्माचार्यों एवं ईश्वर की साधारण प्रजा को एक साथ लाती है। वास्तव में, येसु का पवित्र हृदय एक स्रोत है जहां से हम करुणा, क्षमा और ईश्वर की कोमलता प्राप्त कर सकते हैं। हम उन्हें प्राप्त कर सकते हैं जब हम सुसमाचार का पाठ करते, हर भाव के बीच उन्हें महसूस करते, येसु के हर शब्द, उनके प्रेम के केंद्र, पिता के प्रेम जिसने पुत्र को भेजा और पवित्र आत्मा के प्रेम में जो हमारे अंदर निवास करते हैं। हम उनकी भक्ति पवित्र यूखरिस्त में उनकी आराधना करने के द्वारा कर सकते हैं, जहाँ यह प्रेम, पावन संस्कार में उपस्थित है।
पवित्र हृदय से प्रार्थना
इस तरह हमारा हृदय भी येसु के हृदय का अनुकरण करते हुए, धीरे-धीरे अधिक धैर्यपूर्ण, अधिक उदार और अधिक दयालु बनेगा। संत पापा ने बतलाया कि इस बात को उन्होंने अपनी नानी से सीखा था जो इस प्रकार प्रार्थना करती थी, "येसु मेरे हृदय को अपने हृदय के समान बना दे।" यह एक सुन्दर प्रार्थना है। मेरे दिल को आपके दिल के समान बना दे। संत पापा ने कहा कि इस माह में प्रार्थना करने के लिए यह एक सुन्दर और छोटी प्रार्थना है।
अंत में, संत पापा ने प्रार्थना का आग्रह करते हुए शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित कीं।
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