अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस, संत पापा का संदेश

मरीज की सेवा करती  नर्समरीज की सेवा करती नर्स

संत पापा फ्राँसिस ने अंतरराष्ट्रीय परिचारिका (नर्स) दिवस पर एक संदेश भेजा।
 संत पापा ने संदेश में कहा, "आज हम अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मना रहे हैं, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आधिकारिक तौर पर घोषित नर्सों और दाइयों के अंतरर्राष्ट्रीय वर्ष के संदर्भ में है, साथ ही, हम आधुनिक नर्सिंग के अग्रदूत फ्लोरेंस नाईटिंगेल के जन्म का दो सौवाँ साल भी मना रहे हैं।" 

नर्सों एवं दाईयों का समर्पण
इस कठिन समय में जब कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न वैश्विक स्वास्थ्य संकट की स्थिति है, हमने नर्सों एवं दाईयों की भूमिका के मौलिक महत्व को समझा है। हर दिन हम स्वास्थ्यकर्मियों के साहस और त्याग को देख रहे हैं, विशेषकर, जो पेशे के साथ, आत्मत्याग एवं जिम्मेदारी की भावना और पड़ोसियों के प्रति प्रेम से कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की मदद कर रहे हैं। यहाँ तक कि वे अपने स्वस्थ को भी खतरे में डाल रहे हैं। दुर्भाग्य से, उन स्वास्थ्यकर्मियों की बड़ी संख्या देखी जा सकती है जो अपने निष्ठापूर्ण सेवा के कारण मौत के शिकार हो गये। मैं उनके लिए प्रार्थना करता हूँ। प्रभु हरेक को नाम से जानते हैं और उन्हें भी जो महामारी के शिकार हुए हैं। पुनर्जीवित प्रभु सभी को स्वर्ग की ज्योति प्रदान करे और उनके परिवारों को विश्वास की सांत्वना दे।  

जीवन के संरक्षक
नर्सों ने ऐतिहासिक रूप से स्वास्थ्य देखभाल में एक केंद्रीय भूमिका निभायी है। हर दिन रोगियों के साथ मुलाकात में, वे लोगों के जीवन में पीड़ा के द्वारा आघात को महसूस करते हैं। ये वे लोग हैं जिन्होंने एक विशेष बुलाहट को "हाँ" कहा है जो भला समारी होने की बुलाहट है जो दूसरों के जीवन एवं पीड़ा से संबद्ध हैं। वे जीवन के संरक्षक और सुरक्षा प्रदान करनेवाले हैं। यद्यपि वे आवश्यक उपचार करते हैं, लोगों को साहस, आशा और विश्वास भी प्रदान करते हैं।

संत पापा ने कहा, "प्यारे नर्सो नैतिक जिम्मेदारी ही आपके पेशेवर सेवा की कसौटी है जिसको वैज्ञानिक तकनीकी ज्ञान मात्र तक सीमित नहीं किया जा सकता, बल्कि रोगियों के साथ अपने मानवीय और मानवीय संबंध से लगातार प्रेरित होने की जरूरत है। महिलाओं एवं पुरूषों, बच्चों एवं वयोवृद्धों की देखभाल करने में, उनके जीवन की हर स्थिति में, जन्म से लेकर मरण तक, आप लगातार उन्हें सुनते, रोगी की आवश्यकताओं को समझने का लक्ष्य रखते, जिसे वह महसूस करता है।"   

हर परिस्थिति के अनुठेपन के सामने निश्चय ही, नवाचार का पालन करना काफी नहीं है किन्तु आपको एक लगातार एवं थकान भरा निर्णय करना एवं हर मरीज की आवश्यकताओं को ध्यान में रखना पड़ता है।

कलीसिया के प्रतीक
मैं यहाँ आप सभी नर्सों की याद करता हूँ जो जन्म और मरण, बीमारी और चंगाई की गंभीर स्थितियों से जूझ रहे रोगियों के करीब हैं और उन्हें दहशत पूर्ण स्थितियों का सामना करने में मदद कर रहे हैं। कभी-कभी लोगों को मरते हुए देखते हैं, उन्हें दिलासा देते और उनके अंतिम समय में राहत प्रदान करते हैं। अपने समर्पण के द्वारा आप अपने बगल के संतों के बीच हैं। आप कलीसिया के प्रतीक हैं एक "अस्पताल जगत" के प्रतीक जो येसु ख्रीस्त के मिशन को आगे बढ़ाता है येसु जो हर प्रकार के बीमार लोगों के नजदीक रहे और उन्हें चंगाई प्रदान किये और अपने शिष्यों के पैर धोने के लिए नीचे उतरे। आपकी मानवता की सेवा के लिए धन्यवाद।

नेताओं से अपील
कई देशों में, महामारी ने स्वास्थ्य देखभाल के प्रावधान में कई कमियों को प्रकाश में लाया है। इस कारण से मैं विश्व के विभिन्न देश के नेताओं से अपील करता हूँ कि वे  इसकी प्रणाली को सुदृढ करें और अधिक संख्या में नर्सों को रोजगार देकर, स्वास्थ्य देखभाल में प्राथमिक सार्वजनिक कल्याण के रूप में निवेश करें ताकि हर व्यक्ति की प्रतिष्ठा एवं सम्मान के साथ, सभी लोगों की पर्याप्त देखभाल हो सके। रोगी की देखभाल, स्थानीय आपातकालीन गतिविधि, रोग की रोकथाम, स्वास्थ्य संवर्धन, और परिवार, समुदाय और स्कूल में सहायता के द्वारा, आपके पेशे की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रभावी तरीके से पहचानना महत्वपूर्ण है।

दाई का महत्व
नर्सों, साथ ही दाई को भी योग्य व्यक्तियों की तरह बेहतर और पूरी तरह से मूल्यवान एवं प्रक्रियाओं में शामिल होने का अधिकार है। यह दिखलाया गया है कि उनपर निवेश करने से देखभाल एवं स्वास्थ्य सेवा बेहतर होता है। उनकी व्यावसायिकता को उनके प्रशिक्षण के लिए उपयुक्त वैज्ञानिक, मानवीय, मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक उपकरण प्रदान करके, उनकी कार्य स्थितियों में सुधार करके और उनके अधिकारों की गारंटी देकर बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि वे अपनी सेवा पूरी निष्ठा से कर सकें।

संत पापा ने कहा कि इस संबंध में स्वास्थ्यकर्मियों का संगठन एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। व्यापक प्रशिक्षण की पेशकश के अलावा, वह अपने व्यक्तिगत सदस्यों का समर्थन करता है, जिससे वे एक बड़ी ईकाई का हिस्सा महसूस कर सकें, जब वे अकेले ही नैतिक, आर्थिक और मानवीय चुनौतियों का सामना करते हैं जो उनके पेशे से संबंधित हैं तो कभी निराश न हों।

बाईबिल में दाईयों का जिक्र
संदेश में संत पापा ने दाईयों को विशेष रूप से धन्यवाद दिया है जो गर्भवती महिलाओं की देखभाल करते और उन्हें बच्चों को जन्म देने में मदद देते हैं। आपका कार्य एक महान कार्य है क्योंकि यह सीधे जीवन एवं मातृत्व से जुड़ा है। बाईबिल में दो साहसी दाईयों का जिक्र है- शिप्रा और पुआ। (निर्ग. 1:15-21) संत पापा ने दाईयों से कहा कि आज, स्वर्गीय पिता आपको कृतज्ञता से देख रहे हैं।

संदेश के अंत में संत पापा ने सभी नर्सों एवं दाइयों से कहा कि यह वार्षिक उत्सव समग्र रूप से समाज के स्वास्थ्य के लाभ के लिए आपके काम की गरिमा को उजागर करे। संत पापा ने उन्हें अपनी प्रार्थनाओं का आश्वासन दिया है तथा उन्हें अपना प्रेरतिक आशीर्वाद प्रदान किया है। 

 

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