विश्व रेड क्रॉस एवं रेड क्रेसेन्ट दिवस को सन्त पापा ने किया याद

वाटिकन के सन्त मर्था प्रेरितिक आवास में ख्रीस्तयागवाटिकन के सन्त मर्था प्रेरितिक आवास में ख्रीस्तयाग

वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय में, शुक्रवार को, ख्रीस्तयाग के अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस ने विश्व रेड क्रॉस दिवस के उपलक्ष्य में उन सब स्वास्थ्य कर्मियों एवं स्वयं सेवकों को याद किया जो लोगों के कल्याण के लिये अनुपम सेवाएँ अर्पित करते हैं।

भले कर्मों पर आशीष
सन्त पापा ने कहा, "आज का दिवस रेड क्रॉस और रेड क्रेसंट को समर्पित विश्व दिवस है। हम उन लोगों के लिए प्रार्थना करें जो इन योग्य संस्थानों में काम करते हैं, ताकि प्रभु ईश्वर उनके भले कर्मों आशीष दें तथा उन्हें सदैव अपनी अनुकम्पा में बनायें रखें।"

ख्रीस्तयाग प्रवचन में सन्त पापा ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि प्रभु की सान्तवना उनके सामीप्य तथा सत्य एवं आशा में आगे बढ़ने से मिलती है।

सन्त योहन रचित सुसमाचार के उस पाठ पर सन्त पापा ने चिन्तन किया जिसमें अन्तिम भोजन कक्ष में प्रभु येसु अपने शिष्यों से कहते हैं, ईश्वर में विश्वास रखो तथा मुझमें भी विश्वास रखो, क्योंकि जहाँ मैं हूँ वहाँ तुम्हारे लिये भी जगह सुरक्षित होगी। सन्त पापा ने कहा कि इन शब्दों से दुख की घड़ी में भी प्रभु येसु ख्रीस्त अपने शिष्यों को सान्तवना देते हैं और उनमें ढारस बँधाते हैं।

हमारी सान्तवना शब्द मात्र न हो
सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि दुख के क्षणों में हम भी अन्यों को सान्तवना देते हैं, किन्तु हमारी सान्तवना को सच्ची सान्तवना होनी चाहिये। वह ऊपरी सान्तवना न हो बल्कि दिल से निकली सच्ची सान्तवना हो, उसी तरह, जिस तरह प्रभु येसु ने अपने शिष्यों को दी थी। उन्होंने कहा कि प्रभु येसु ने शिष्यों के पास रहकर अपने सामीप्य द्वारा उन्हें सच्ची सान्तवना प्रदान की थी, इसी प्रकार, हमारी सान्तवना भी खोखले शब्द मात्र न हो बल्कि सत्य एवं आशा से परिपूर्ण रहे।  

अन्त में सन्त पापा ने प्रार्थना की, "प्रभु ईश्वर से हम अनुग्रह की याचना करें ताकि प्रभु द्वारा सान्तवना ग्रहण करना सीख सकें। प्रभु की सान्तवना सत्य है, वह कोई धोखा या भ्रम नहीं है। प्रभु की सान्तवना कोई एनेस्थीसिया नहीं है, अपितु वह हमारे समीप है, वह सत्य है जो हमारे लिए आशा के द्वार खोल देती है।"

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