विशाखापट्‌टनम के केमिकल प्लांट में गैस लीक होने से 2 बच्चों समेत 8 की मौत, एक हजार से ज्यादा बीमार; 4 किमी तक फैली गैस

वेंकटपुरम में लोगों को घबराहट, सीने और आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होने लगी। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम ने लोगों को अस्पताल पहुंचाया।वेंकटपुरम में लोगों को घबराहट, सीने और आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होने लगी। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम ने लोगों को अस्पताल पहुंचाया।

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में गुरुवार तड़के एक केमिकल प्लांट से गैस लीक हो गई। हादसा तड़के 2:30 से 3:30 बजे के बीच हुआ। इसमें 2 बच्चे समेत अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। यह गैस एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री के प्लांट से लीक हुई और 4 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 5 छोटे गांवों में फैल गई। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एनडीएमए और नौसेना की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही है।

हादसा विशाखापट्टनम से करीब 30 किलोमीटर वेंकटपुरम गांव में हुआ। एक हजार से ज्यादा लोग बीमार हैं। 80 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हैं। 3 वेंटिलेेटर पर हैं। 15 बच्चों की हालत नाजुक है। हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्‌डी से फोन पर बात की। 

कई लोग मौके पर पहुंचे, वहीं बेहोश होकर गिर गए
आंध्र प्रदेश के डीजीपी दामोदर गौतम सवांग ने बताया कि मारे गए 8 लोगों में से 2 की मौत दहशत में भागते समय हुई। इनमें से एक आदमी कंपनी की दूसरी मंजिल से गिरा, जबकि दूसरा कुएं में गिर गया। हादसे की खबर लगते ही कई लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन वहीं बेहोश होकर गिर गए। आसपास के घरों में भी लोग बेहोश मिले। कुछ लोगों के शरीर पर लाल निशान पड़ गए।

स्टाइरीन गैस लीक हुई; यह फाइबर, रबर, पाइप बनाने में इस्तेमाल होती है
जो गैस लीक हुई, वह पीवीसी यानी स्टाइरीन कहलाती है। यह न्यूरो टॉक्सिन है। इसका केमिकल फॉर्मूला C6H5CH=CH2 होता है। यह सबसे लोकप्रिय ऑर्गनिक सॉल्वेंट बेंजीन से पैदा हुआ पानी की तरह बिना रंग वाला लिक्विड होता है। इसी से गैस निकलती है। यह दम घोंट देने वाली गैस है। यह सांसों के जरिए शरीर में चली जाए तो 10 मिनट में ही असर दिखाना शुरू कर देती है। यह गैस पॉलिस्टाइरीन 

हजार टन स्टोरेज का टैंक चेक करने के दौरान गैस लीक हुई
प्लांट में एक गैस चैम्बर और उसी के ठीक पास न्यूट्रिलाइजर चैम्बर है। जब 5 हजार टन की कैपेसिटी वाले टैंक से गैस लीक हुई तो न्यूट्रिलाइजर चैम्बर के जरिए उसे कंट्रोल करने की कोशिश की गई, लेकिन तब तक हालात बेकाबू हो चुके थे। आंध्र प्रदेश के उद्योग मंत्री गौतम रेड्‌डी ने बताया कि मजदूर गैस स्टोरेज टैंक चेक कर रहे थे, तभी यह हादसा हुआ। 
4 किलोमीटर के दायरे में गैस फैली
रिसाव के बाद गैस 4 किलोमीटर के दायरे में फैल चुकी थी। इस दायरे में आसपास के 5 छोटे गांव आते हैं। वहां लोगों के घरों तक गैस घुस गई। लोगों को बेचैनी, सांस लेने में तकलीफ, उल्टियां होने के बाद उनकी नींद खुली। कई लोग बेहोश हो गए। गुरुवार सुबह तक वेंकटपुरम गांव से इसी तरह की तस्वीरें सामने आती रहीं। कई लोग खड़े-खड़े बेहोश होकर गिरते नजर आए।

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