हमारी दुर्बलता के बावजूद हम कितने मूल्यवान

पुण्य शुक्रवार को रोम के ऐतिहासिक स्मारक के सामने मौन प्रार्थना करते संत पापा पुण्य शुक्रवार को रोम के ऐतिहासिक स्मारक के सामने मौन प्रार्थना करते संत पापा

जब लोग बहुत अधिक दुःख या परेशानी महसूस करते हैं तो मौन धारण कर लेते हैं। वे उस परिस्थिति के सामने बेबस महसूस करते हैं। कोरोना वायरस के सामने सारी मानवजाति ऐसे ही महसूस कर रही है।

संत पापा फ्राँसिस ने 21 अप्रैल के ट्वीट संदेश में इस समय के मौन को सकारात्मक रूप में लेने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने 21 अप्रैल को एक ट्वीट प्रेषित कर कहा, "इस समय बहुत अधिक मौन है। यह मौन जो हमारी आदत से जरा नया है हमें सुनना सिखा दे। हम एक साथ प्रार्थना करें कि हम अपने सुनने की क्षमता में बढ़ सकें।"

2रा ट्वीट

दूसरे ट्वीट संदेश में संत पापा ने कहा, "कई चीजें समुदायों को बांट सकती हैं जैसे, धन, अभिमान एवं गपशप, किन्तु पवित्र आत्मा हमें विभाजन से बचाने आते हैं। पवित्र आत्मा सामंजस्य का स्वामी है। वह समुदाय में सामंजस्य उत्पन्न करता क्योंकि वह स्वयं सांमजस्य है, पिता एवं पुत्र के बीच का सामंजस्य।"

3रा ट्वीट

तीसरे ट्वीट संदेश में संत पापा ने कहा, "कठिनाई की इस घड़ी में जिससे होकर हम गुजर रहे हैं हम अपनी दुर्बलता महसूस करते हैं। हमें प्रभु की आवश्यकता है जो हमारी दुर्बल से बढ़कर अपरिवर्तनीय सुंदरता देखते हैं। उनके साथ हम अनुभव कर सकते हैं कि हमारी दुर्बलता के बावजूद हम कितने मूल्यवान हैं।"

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