पुण्य सप्ताह के लिए संत पापा का संदेश

संत पापा फ्रांसिस  संत पापा फ्रांसिस

संत पापा फ्राँसिस ने 3 अप्रैल को एक वीडिया संदेश प्रकाशित कर पु्ण्य सप्ताह की तैयारी करने हेतु लोगों को सलाह दी। उन्होंने कहा, “इस संध्या मुझे आपके घर में प्रवेश करने का अवसर मिला है जो सामान्य एक अलग है। यदि आप मुझे अनुमति देंगे तो मैं थोड़ी देर के लिए इस कठिन एवं दुःखद समय में आप से बातचीत करना चाहूँगा। मैं आपको अपने परिवार में कल्पना कर सकता हूँ जो संक्रमण से बचते हुए एक असाधारण जिंदगी जी रहे हैं। मैं बच्चों एवं युवाओं की जीविका की याद का रहा हूँ जो बाहर नहीं जा सकते, स्कूल में उपस्थित नहीं हो सकते और न ही अपनी जिंदगी जी सकते हैं। मेरे हृदय में सभी परिवार हैं विशेषकर, ऐसे परिवार जिनके प्रियजन बीमार हैं अथवा दुर्भाग्य से, कोरोना वायरस या अन्य कारणों से शोक मना रहे हैं। इन दिनों मैं अक्सर उन लोगों की याद करता हूँ जो अकेले हैं और जिनको इस परिस्थिति का सामना करना बहुत कठिन हो रहा है। सबसे बढ़कर मैं बुजूर्गों की याद करता हूँ जो मेरे लिए अत्यन्त प्रिय हैं। मैं उन लोगों को भूल नहीं सकता जो कोरोना वायरस से बीमार हैं और जो अस्पताल में हैं। मैं उन लोगों की उदारता की याद करता हूँ जो इस महामारी के इलाज के लिए अथवा समाज में मौलिक सेवाओं की गारांटी देने के लिए अपने आपको जोखिम में डाल रहे हैं, हर दिन और हर घड़ी कई लोग साहस पूर्वक कम कर रहे रहे हैं। मैं याद करता करता हूँ कि कई लोग आर्थिक समस्याएँ झेल रहे हैं और वे पेशा एवं भविष्य के लिए चिंतित हैं।"

मैं कैदियों की भी याद करता हूँ जिनका दुःख महामारी के भय से अपने और अपने प्रियजनों के लिए बढ़ गया है। मैं बेघर लोगों को सोचता हूँ जिनके पास अपनी सुरक्षा के लिए घर भी नहीं है। यह सभी के लिए कठिन समय है और कई लोगों के लिए बहुत कठिन है। पोप इसे समझते हैं और इन शब्दों के द्वारा वे सभी लोगों के प्रति अपना सामीप्य एवं स्नेह व्यक्त करना चाहते हैं। आइये, हम इस समय का बेहतर प्रयोग करने की कोशिश करें। हम उदार बनें, हम उन लोगों की मदद करें जो हमारे पड़ोस में जरूरतमंद हैं, एकाकी में रह रहे लोगों का ख्याल रखें, फोन अथवा सामाजिक संचार माध्यमों के द्वारा उनसे सम्पर्क करें। हम इटली और विश्व के उन सभी लोगों के लिए प्रार्थना करें जो कठिनाई में हैं। यद्यपि हम अलग रह रहे हैं हमारी सोच और भावनाएँ प्रेम की रचनात्मकता द्वारा दूर तक जा सकती है। आज हमें प्रेम की रचनात्मकता की आवश्यकता है।

हम निश्चय ही पुण्य सप्ताह को असाधारण तरीके से मनायेंगे, जो सुसमाचार का संदेश प्रकट करता और ईश्वर के असीम प्रेम का सार प्रस्तुत करता है, इस समय हमारे शहरों के मौन में पास्का का सुसमाचार गूँजेंगा। प्रेरित संत पौलुस कहते हैं, “मसीह सबों के लिए मरे, जिससे वे जीवित हैं, वे अब से अपने लिए नहीं बल्कि उनके लिए जीवन बितायें, जो उनके लिए मर गये और जी उठे।” (2 कोर. 5:15) पुनर्जीवित येसु में जीवन ने मौत पर विजय प्राप्त कर लिया है। यह पास्का विश्वास हमारी आशा को पुष्ट करता है।

संत पापा ने कहा कि मैं इसे आज संध्या आप के साथ बांटना चाहता था। यह हमारे समय की उत्तम आशा है जिसमें हम ठीक हो सकते हैं और अंततः बुराई एवं इस महामारी से मुक्त हो सकते हैं। यही आशा है, जो कभी निराश नहीं करती, यह कल्पना नहीं है बल्कि उम्मीद है।

एक-दूसरे के साथ, प्रेम और धीरज से, हम इन दिनों को एक बेहतर अवसर बना सकते हैं। आप सभी के घरों में प्रवेश करने देने के लिए धन्यवाद। उन  लोगों के प्रति कोमलता का भाव उत्पन्न करें जो पीड़ित हैं विशेषकर, बच्चों एवं बुजूर्गों के प्रति। उन्हें बतलायें कि संत पापा उनके नजदीक हैं और उनके लिए प्रार्थना कर रहे हैं। ईश्वर हमें हर प्रकार की बुराई से जल्द ही मुक्त कर दें। उन्होंने अंत में कहा, “आप मेरे लिए प्रार्थना करते रहें, शुभ संध्या भोज, हम जल्द ही मिलेंगे।”

Add new comment

1 + 1 =