कोविद-19 रोगियों के लिए केरल के पुरोहित ने दी एम्बुलेन्स

लॉकडाऊन के समय चावल के लिये लोगों की कतार, हैदराबाद तस्वीरलॉकडाऊन के समय चावल के लिये लोगों की कतार, हैदराबाद तस्वीर

केरल में कान्नूर धर्मप्रान्त के एक काथलिक पुरोहित ने कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की सेवा तथा लॉकडाउन के समय में निर्धन मरीज़ों को अस्पताल पहुंचाने हेतु अपनी एम्बुलेन्स स्थानीय अधिकारियों के सिपुर्द कर दी है। केरल में कान्नूर धर्मप्रान्त के एक काथलिक पुरोहित ने कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की सेवा तथा लॉकडाउन के समय में निर्धन मरीज़ों को अस्पताल पहुंचाने हेतु अपनी एम्बुलेन्स स्थानीय अधिकारियों के सिपुर्द कर दी है।

निर्धनों के पक्ष में
फादर जामोन चम्पकासेरिल ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने यह पहल इसलिये शुरु की है क्योंकि वे इस बात के प्रति सचेत हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से लोग मरीज़ों को अस्पताल नहीं ले जा रहे हैं। “मेटर्स ऑफ इन्डिया” नामक काथलिक पत्रिका से बातचीत में उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस बीमारी से सबसे अधिक प्रभावित निर्धन लोग हैं जिनके पास अस्पताल तक पहुँचने के कोई साधन नहीं है। उन्होंने कहा कि विश्व के कई क्षेत्रों में देखा जा रहा है कि इस महामारी का सर्वाधिक दुष्परिणाम ग़रीब पर पड़ रहा है, इसलिये कि उन्हें किसी प्रकार की स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकांश निर्धनों के पास स्वास्थ्य बीमा नहीं है इसकी वजह से कई जगहों पर उनकी अवहेलना की जा रही है।

पहल को धर्माध्यक्ष का समर्थन
फादर जामोन चम्पकासेरिल कान्नूर धर्मप्रान्त में ग्रामीणों की देखभाल के लिये गठित आयोग के निर्देशक हैं तथा साथ ही एक स्थानीय काथलिक कल्याणकारी संगठन चेमपेरी मेडिकल एम्ड चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आदेशित लॉकडाऊन की घोषणा के बाद 26 मार्च से कान्नूर धर्मप्रान्त की नई सेवा शुरू हो गई है। फादर जामोन चम्पकासेरिल की पहल इन दिनों स्थानीय मीडिया में सुर्खियां बटोरती रही हैं। कान्नूर के धर्माध्यक्ष एलेक्स वडक्कमथला ने भी इस पहल को समर्थन दिया है तथा इसका स्वागत किया है। उन्होंने कहा, "इस समय यह एक अच्छी और उपयुक्त पहल है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण किसी को भी पीड़ित नहीं होना चाहिये"।

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