"मैं भी म्यांमार की सड़कों पर घुटने टेकता हूँ" पोप फ्रांसिस।

बुधवार को आमदर्शन समारोह में धर्मशिक्षा देने के बाद संत पिता फ्राँसिस ने म्यांमार में बढ़ती हिंसा के मद्देनजर अपनी अपील दुहराते हुए कहा, "फिर एक बार और बड़े दुःख के साथ, मैं म्यांमार में उत्तजित स्थिति पर आह्वान करने की आवश्यकता महसूस कर रहा हूँ जहाँ कई लोग, खासकर, युवा अपने देश में आशा लाने के लिए अपनी जान गवाँ रहे हैं। मैं भी म्यांमार की सड़कों पर घुटनी टेककर आग्रह करता हूँ "हिंसा को रोकें! मैं भी अपने हाथों को फैला कर कहता हूँ वार्ता प्रबल हो।"
संत पिता ने म्यांमार की काथलिक धर्मबहन आएन रोजा नू तावंग की शक्तिशाली छवि की ओर इशारा किया है। जिन्होंने हाल ही में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को नुकसान नहीं पहुंचाने हेतु सुरक्षा बलों से घुटनी टेककर आग्रह किया था।
यंगून के कार्डिनल चार्ल्स बो ने सेना और पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलियाँ चलाने के खिलाफ आवाज उठाई थी, जब देश के विभिन्न इलाकों में रविवार को करीब 50 लोगों की मौत हो गई है।
फौजी से प्रदर्शनकारियों की मांग है कि उनके द्वारा चुनी गई नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी की प्रमुख नेता औंग सान सू ची को रिहा किया जाए जिन्होंने नवंबर के चुनाव में शानदार जीत दर्ज की थी। उनके साथ चुनाव जीतने वाले कई नेताओं को अज्ञात स्थान में कैद करके रखा गया है।
7 फरवरी को भी देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पिता फ्राँसिस ने देश के अधिकारियों से अपील की थी कि वे आमहित की सेवा के प्रति सच्ची तत्परता दिखायें तथा सामाजिक न्याय एवं राष्ट्र की स्थिरता को बढ़ावा दें।

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