सुधार के रास्ते चलने हेतु रेन्यूम ख्रीस्ती को संत पापा की सलाह

क्रूस

संत पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्त के शूरवीरों एवं रेन्यूम ख्रीस्ती के सदस्यों को निमंत्रण दिया है कि धर्मसंघ में सुधार लाने के लिए वे आत्मपरख के रास्ते को अपनायें।
ख्रीस्त के शूरवीरों के धर्मसंघ की महासभा, विस्तृत रेन्यूम ख्रीस्ती संघ के रूप में रोम में सम्पन्न हुई।वाटिकन प्रेस कार्यलय के निदेशक मात्तेव ब्रुनी के अनुसार संत पापा फ्राँसिस शनिवार को उन्हें सम्बोधित करने वाले थे किन्तु अपनी थोड़ी अस्वस्थता के कारण उनसे नहीं मिले।  

कठिनाइयों भरा अतीत
संत पापा फ्राँसिस के संदेश को सदस्यों के सामने पढ़ा गया जिसमें उन्होंने कहा है कि फादर मार्शल माचिएल देगोल्लादो के अपराधी व्यवहार ने रेन्यूम ख्रीस्ती फेडेरेशन में एक बड़ा संस्थागत एवं व्यक्तिगत संकट उत्पन्न किया। फादर माचिएल निश्चय ही संघ के ऐतिहासिक संस्थापक थे किन्तु उन्हें किसी भी तरह से पवित्रता के आदर्श के रूप में नहीं देखा जा सकता।  "उन्होंने अपने दोहरे जीवन के द्वारा, भ्रम के माध्यम से खुद को एक संदर्भ बिंदु बनाया। इसके अलावा, उनकी सरकार ने भी कुछ हद तक उस करिश्मे को प्रदूषित किया जिसको पवित्र आत्मा ने मूल रूप से कलीसिया को दिया था। यह नियम में, आज्ञापालन एवं जीवनशैली में प्रकट होता है।"

आगे नया रास्ता
संत पापा ने कहा कि जब कलीसिया के सामने स्थिति प्रकट हुई, तब वह कार्रवाई की तथा उन्हें तुरन्त एकाकी में रखा गया। उन्होंने कहा कि रेन्यूम ख्रीस्ती संघ का नया कानून और संविधान, धर्मसमाजी जीवन की नयी आत्मा एवं दर्शन को द्वितीय वाटिकन महासभा एवं परमधर्मपीठ के दिशा-निर्देश के अनुरूप प्रतिबिम्बित करती है।  

यह एक ऐसी घटना थी जिसने मन और हृदय का सच्चा परिवर्तन करायी। "आपने साहस के साथ पवित्र आत्मा के कार्यों के लिए अपने आपको खोला, इस प्रकार आपने सच्चे आत्मपरीक्षण की यात्रा शुरू की।"

आत्मपरीक्षण 
संत पापा ने स्वीकार किया कि बदलाव आसान नहीं था किन्तु आत्मपरीक्षण करना अब भी बाकी है। उन्होंने कहा कि यात्रा को आगे बढ़ते रहना है, आगे देखना है पीछे नहीं। आप पीछे देख सकते हैं सिर्फ इसलिए ताकि ईश्वर से सहायता प्राप्त कर सकें जो हमेशा साथ रहा है। संत पापा ने रेन्यूम ख्रीस्ती संघ से अपील की कि वे सुधार हेतु संघर्ष करते रहें क्योंकि पीछे लौटना अधिक खतरनाक और व्यर्थ हो सकता है।  

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