Radio Veritas Asia Buick St., Fairview Park, Queszon City, Metro Manila. 1106 Philippines | + 632 9390011-15 | +6329390011-15
सन्त पापा फ्राँसिस ने दी भ्रष्टाचार के खतरों की चेतावनी
मोज़ाम्बिक में अपनी प्रेरितिक यात्रा समाप्त करते हुए शुक्रवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने एच.आई.वी. वाईरस ग्रस्थ बच्चों एवं माताओं को सान्तवना दी तथा भ्रष्टाचार की कड़ी निन्दा की जिसने दक्षिणी अफ्रीका के इस देश को विश्व के सबसे निर्धन देशों में से एक बना दिया है।
मोज़ाम्बिक में अपनी प्रेरितिक यात्रा समाप्त करते हुए शुक्रवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने एच.आई.वी. वाईरस ग्रस्थ बच्चों एवं माताओं को सान्तवना दी तथा भ्रष्टाचार की कड़ी निन्दा की जिसने दक्षिणी अफ्रीका के इस देश को विश्व के सबसे निर्धन देशों में से एक बना दिया है।
पुनर्मिलन का रास्ता अपनायें
एड्स चिकित्सा केन्द्र में और साथ ही मापुतो के राष्ट्रीय स्टेडियम में भी गीतों एवं संगीत की धुन पर थरकते मोज़ाम्बिक के लोगों ने सन्त पापा फ्रांसिस का हार्दिक स्वागत किया। स्टेडियम में उपस्थित 60,000 से अधिक श्रद्धालुओं को सम्बोधित कर सन्त पापा ने मोज़ाम्बिक के लोगों से आग्रह किया कि वे गृहयुद्ध के घावों को भरने के लिये पुनर्मिलन के रास्ते पर आगे बढ़ते जायें। साथ ही उन्होंने उन्हें भ्रष्टाचार के ख़तरों के प्रति भी चेतावनी दी।
अपनी स्वार्थपूर्ति के लिये काम न करें
सन्त पापा फ्रांसिस ने कहा कि उन सार्वजनिक कर्मचारियों के प्रति अनवरत सतर्क रहा जाना चाहिये जो जनता की मदद का दावा करते किन्तु केवल अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिये काम कर अन्यायपूर्ण स्थितियों को उत्पन्न करते हैं। उन्होंने कहा, "मोज़ाम्बिक प्रचुर प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधनों से सम्पन्न देश है, किन्तु विडम्बना तो यह कि यहाँ बड़ी संख्या में लोग ग़रीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते हैं, और कई बार ऐसा लगता है कि जो लोग मदद करने का दावा करते हैं उनका उद्देश्य अपनी स्वार्थपूर्ति होता है। दुर्भाग्यवश ऐसा तब होता है जब किसी देश विशेष के लोग स्वतः को भ्रष्टाचार का शिकार बनने देते हैं।"
मोजाम्बिक विश्व के सबसे भ्रष्ट देशों में गिना जाता है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के अनुसार, 2002-2014 तक मोज़ाम्बिक में भ्रष्टाचार की लागत 4.9 अरब अमरीकी डालर रही थी।
सन्त पापा फ्राँसिस अपनी प्रेरितिक यात्राओं पर अक्सर भ्रष्टचार की निन्दा करते रहे हैं तथा इस बात पर बल देते रहे हैं कि राजनीतिज्ञों को जनकल्याण को ध्यान में रखकर अपने व्यक्तिगत हितों को लोगों के हितों के पीछे रखना चाहिये। युवाओं से, विशेष रूप से निर्धन देशों के युवाओं से, वे आग्रह करते रहे हैं कि वे रिश्वत लेने के प्रलोभन में कभी न पड़ें।
Add new comment