येसु में युवा अपने विश्वास की जड़ें मजबूत करें

थाईलैंड में युवाओं के संत मिस्सा बलिदान अर्पित करते संत पापा

सन्त पिता फ्रांसिस ने बैंकॉक के मरियम स्वर्गोरोहण महागिरजाघर में युवाओं के संग मिस्सा बलिदान अर्पित करते हुए उन्हें येसु ख्रीस्त में अपनी जड़ों को मजबूत करने का संदेश दिया।उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि सुसमाचार हमें भविष्य की ओर निगाहें उठाने का निमंत्रण देता है यह हमारे जीवन मेंअति सुन्दर चीजों, व येसु को लेकर आता है। हम बड़े आनंद और प्रेम से येसु का हमारे बीच में स्वागत करें, केवल युवा ही अपने में ऐसा कर सकते हैं। इसके पहले कि हम उनकी खोज हेतु निकले, येसु हमें खोजते हैं। वे हमसे मिलने आते और हमें भविष्य का निर्माण करने हेतु निमंत्रण देते हैं। हम उल्लसित होकर निकलें क्योंकि येसु हमारी बाट जोहते हैं।

ईश्वर के योजना सभों के लिए
येसु जानते हैं कि युवा लोगों के द्वारा भविष्य में, दुनिया इस धरती पर आने वाली है और वे अपने कार्यों को आपके द्वारा आगे बढ़ाने की चाह रखते हैं। ईश्वर की योजना जिस तरह चुने हुए लोगों के लिए है वैसे ही आप में से हर एक के लिए उनकी एक योजना है। वे हमें अपने भोज में निमंत्रण देते हैं जहाँ एक समुदाय के रुप में हमें सहभागी होना है, अपने राज्य में एक भोज जिससे कोई भी अछूता नहीं है।

आज का सुसमाचार हमारे लिए दस नारियों का जिक्र करता है जो ईश्वर के भोज में सहभागी होने की राह देखते हैं। यहाँ हम समस्या यह देखते हैं कि कुछ थे जो इसके लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने अपने लिए तेल नहीं लाया था जो आन्तरिक तेल की ओर हमारा ध्यान आकर्षित कराता है जो प्रेम को प्रज्जवलित रखता है। उनमें बहुत उत्साह और जोश था क्योंकि उनके स्वामी के उन्हें भोज में आमंत्रित किया था। लेकिन देर होने पर वे चिंतित हो जाती हैं वे अपना उत्साह और जोश को खो देती, और देर से पहुंचती हैं। यह दृतांन्त हम ख्रीस्तीयों के बारे में कहता है जिन्हें कुछ भी हो सकता है। हम अपने जीवन में उत्साह और जोश के साथ ईश्वर के बुलावे को सुनते और उनके राज्य की खुशी से दूसरे संग सहभागी होते हैं। लेकिन बहुत बार, जैसे कि हम जानते हैं, अपने प्रिय जनों के दुःख के कारण या हमारी असहाय स्थिति, अपने जीवन की कटुता के कारण हमारा हृदय कुंठित हो जाता है और हम अपनी खुशी खो देते और देर करते हैं।

सन्त पिता फ्रांसिस के तीन सवाल
सन्त पिता फ्रांसिस ने कहा अतः मैं तीन सवाल आप के समाने रखता हूँ। क्या आप अपने जीवन की आग को अपने जीवन के अंधकार और कठिनाइयों में भी जलते रखना चाहते हैंॽ क्या आप ईश्वर के बुलावे का उत्तर देना चाहते हैंॽ क्या आप उनकी योजना के अनुरूप कार्य करना को तैयार हैंॽ

आप अपने जीवन में तेल को किस तरह बनाये रख सकते हैं जो आप को आगे बढ़ने, ईश्वर को हर परिस्थिति में खोजने हेतु प्रेरित करता हैॽ

आप सुसमाचार प्रचार के इतिहास की वो अमूल्य निधि है जिन्हें आप को सौंपा गया है। यह महागिरजाघर येसु में आप के पूर्वजों के विश्वास का साक्ष्य है। उनके गहरी निष्ठा ने उन्हें अच्छे कार्यों को करने, ईशमंदिर के निमार्ण हेतु और उससे भी बढ़कर जीवित पत्थरों के मंदिर को तैयार करने हेतु प्रेरित किया जिससे वे अपने ईश्वर के करुणामय कार्यों को कर सकें। उन्होंने इस कार्य को कर पाया क्योंकि उन्होंने आज के पहले पाठ अऩुसार नबी होशया की बातों में विश्वास किया, ईश्वर ने कोमलता में उनसे बातें की, उन्होंने उन्हें अनंत प्रेम में आलिंगन किया।

ईश्वरीय विश्वास में मजबूती
संत पापा ने कहा कि हमें पवित्र आत्मा की आग से जलते रहने हेतु, अपने पूर्वजों, नाना-नानी, दादा-दादी और शिक्षकों की तरह विश्वास में मजबूत होने की जरुरत है। आप अतीत में न फंसें लेकिन साहस के साथ नई परिस्थितियों का उत्तर दें। उन्होंने अपने जीवन में बहुत सारी कठिनाइयों और मुसीबतों का सामना करना पड़ा। फिर भी उन्होंने अपने हृदय में खुशी के रहस्य की खोज की जो हमें येसु ख्रीस्त में संयुक्त रहने, उनके वचनों और उनकी मृत्यु और पुनरुत्थान में मिलती है।

आप की जड़ें मजबूत हों
सन्त पिता फ्रांसिस ने कहा कि मैं कई बार युवा सुन्दर वृक्षों को देखा है जिनकी डालियाँ आकाश की ओर, ऊंची उठती हैं, वे आशा के गीत गाते हुए दिखाई देते हैं। बाद में वही पेड़ आंधी में धराशायी जमीन में मृतप्राय पड़े रहते हैं। उनमें जड़ों की कमी है। वे अपने शखाओं का विस्तार अपनी जड़ों को मजबूत किये बिना करते हैं औऱ इसी कारण प्राकृति के प्रहार में वे गिर जाते हैं। युवाओं को इस भांति देखना मेरे लिए दुःखदायी होता है जहां वे अपनी जड़ों के बिना भविष्य का निर्माण करने की सोचते हैं मानो दुनिया की शुरूआत अभी हो रही है। हमारे लिए विकास करना असंभव है यदि हमने अपनी जड़ों को मजबूत नहीं बनाया है। यदि हमारे पास कोई ऐसी चीज नहीं जिसे हम मजबूती से पकड़ सकें, तो हम अपने में सहज ही विचलित हो जाते हैं।

दुनिया की आवाजें खींचती हैं
बिना सुदृढ़ता के हम दुनिया की “आवाजों” के बीच हिल जा सकते हैं जो अपनी ओर हमारा ध्यान खींचती है। दुनिया हमें अपने आकर्षण से मोहित करती है दुनिया की चीजों शुरू में हमारे लिए प्यारी और उत्साह भरी लगतीं लेकिन अतंत वे हमें खाली, चिंतित, अकेले और मोहभंग छोड़ देती हैं और इस तरह धीरे-धीरे ईश्वर के द्वारा प्रज्जविल चिनगारी को बुझा देती है।
संत पिता फ्रांसिस ने कहा प्रिय युवाओं आप नई पीढ़ी हैं जिसमें नई आशा, सपने और सवाल के साथ कुछ शंकाएं भी हैं फिर भी आप येसु में मजबूत बने रहें। मैं आप से आग्रह करता हूँ कि आप अपनी खुशी को बनाये रखें और बिना भय, विश्वास से भविष्य की ओर निगाहें फेरें। येसु में हमारी सुदृढ़ता सारी चीजों को खुशी और विश्वास में देखने हेतु मदद करती है यह हमारे लिए येसु से आती है जो हमें खोजते और हमें शर्तहीन प्रेम करते हैं। येसु से हमारी मित्रता हमारे जीवन के लिए तेल समान कार्य करती है यह हमारे निकट रहने वालों, हमारे मित्रों, पड़ोसियों और स्कूल के दोस्तों, कार्य स्थल के सहयोगियों और उनका जो हम से एकदम विभिन्न सोचते हैं, मार्ग दर्शन कराती है।
आइए हम येसु से मिलने जायें क्योंकि वे हमारे पास आते हैं। आप भविष्य से भयभीत या आशंकित न हों। बल्कि आप यह जानें कि येसु आप की प्रतीक्षा कर रहे हैं जिससे आप उनके राज्य के भोज में शरीक हो सकें।

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