यूरोप में आप्रवास विरोधी बातों से सन्त पापा फ्राँसिस हैरान

सन्त पापा फ्राँसिस

रोम स्थित येसु धर्मसमाजी पत्रिका ला चिविल्ता कातोलिका में प्रकाशित एक लेख में कहा गया कि सन्त पापा फ्राँसिस यूरोप में आप्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार तथा उनके विरुद्ध बातें सुनकर बेहद हैरान हैं।

ला चिविल्ता कातोलिका के संस्करण में लिखित लेख के अनुसार, थायलैण्ड में अपनी यात्रा के दौरान सन्त पापा ने कहा था, "मुझे मानना पड़ेगा कि यूरोप में सीमाओं के बारे में कही जा रही कुछ बातों से मैं हैरान हूँ। सन्त पापा ने स्मरण दिलाया कि, "शरणार्थियों की समस्या हमेशा से मौजूद रही है, लेकिन आज यह सामाजिक मतभेद, भुखमरी, राजनीतिक तनाव और, विशेष रूप से, युद्ध के कारण और अधिक उजागर हुई है।" इन कारणों से, आप्रवासिओं का आवागमन तेज़ हुआ है।
सन्त पापा ने कहा जब मैं माता- पिताओं से उनके बच्चों को अलग करते हुए देखता हूँ तो मुझे दुष्ट राजा हेरोद याद आ जाता है।

विश्व के ख्रीस्तीयों से आप्रवासियों एवं शरणार्थियों की मदद का आह्वान कर सन्त पापा ने स्मरण दिलाया कि ख्रीस्तीय धर्म आगन्तुक के स्वागत की शिक्षा देता है, चाहे सुसमाचार हो या प्राचीन व्यवस्थान दोनों ही में ज़रूरतमन्द की सहायता का आह्वान किया गया है।

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