प्रेरितिक यात्रा पूरी कर सन्त पिता फ्राँसिस रोम लौटे

जापान की प्रेरितिक यात्रा के अंतिम पड़ाव पर संत पापा फ्राँसिस ने टोक्यो स्थित सोफिया विश्वविद्यालय का दौरा किया जो जापान के जेस्विट पुरोहितों द्वारा संचालित है।संत पापा ने वहाँ के विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा, "प्रिय भाइयो एवं बहनो, यह मेरे लिए बड़े हर्ष की बात है कि मेरी प्रेरितिक यात्रा के समापन पर जापान छोड़कर रोम लौटने के पहले कुछ मिनट आपके साथ व्यतीत कर पा रहा हूँ।ईश्वर और आप सभी को धन्यवाद देता हूँ कि मुझे इस देश का दौरा करने का अवसर मिला जिसको जानने की तीव्र अभिलाषा संत फ्राँसिस जेवियर को थी और जहाँ कई शहीदों ने अपने ख्रीस्तीय विश्वास की गवाही दी है। ख्रीस्तियों की संख्या कम है इसके बावजूद उनकी उपस्थिति महसूस की जा सकती है।सोफिया विश्वविद्यालय की विशेषताओं पर गौर करते हुए संत पापा ने कहा कि सोफिया विश्वविद्यालय मानवतावादी, ख्रीस्तीय एवं अंतरराष्ट्रीय पहचान से रेखांकित है। सन्त पिता फ्राँसिस थाईलैंड और जापान में अपनी 32वीं प्रेरितिक यात्रा समाप्त कर 26 नवम्बर को रोम वापस लौट गये। सन्त पिता फ्राँसिस 19 से 26 नवम्बर तक थायलैण्ड तथा जापान की सात दिवसीय प्रेरितिक यात्रा पर थे।
टोक्यो से रवाना होकर सन्त पिता फ्राँसिस स्थानीय समय अनुसार शाम सवा चार बजे रोम के फ्यूमिचिनो हवाई अड्डा पर पहुँचे। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने बारह देशों को पार किया।सन्त पिता फ्राँसिस ने रूस, फिनलैंड, एस्तोनिया, लातविया, लिथवानिया, पोलैंड, चेक रिपब्लिक, ऑस्ट्रिया, स्लोवेनिया, क्रोवेशिया और इटली के ऊपर से उड़ान भरते हुए इन सभी देशों पर आनन्द और शांति की आशीष की कामना की। परम्परा के अनुसार जब भी सन्त पिता फ्राँसिस किसी देश के ऊपर से गुजरते हैं तो उस देश के शीर्ष अधिकारी को तार संदेश भेजकर उसकी कुशलता की कामना करते हैं।

source: http://popeasia.rvasia.org

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