ट्रिपल डिजास्टर पीड़ितों से सन्त पिता फ्रांसिस ने की मुलाकात

25 नवंबर, 2019 को, पोप फ्रांसिस ने 2011 के मार्च में जापान के "ट्रिपल डिजास्टर" के बचे लोगों से मुलाकात की, जिन्होंने फुकुशिमा शहर: भूकंप, सूनामी और परमाणु आपदा का सामना किया था। उन्होंने स्मरण दिलाया कि सभी लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं और जब एक पीड़ित होता है तो सभी पीड़ा महसूस करते हैं।

सन्त पिता फ्रांसिसने "ट्रिपल डिजास्टर" के शिकार लोगों से अपनी मार्मिक मुलाकात में मातसुकी कामोशिता का आलिंगन किया। मातसूकी 2011 में 8 साल का था जब जापान भुकम्प, सुनामी और फुकुशिमा परमाणु आपदा से हिल गया था। आज वह 16 साल का है और एक विस्थापित व्यक्ति की तरह जी रहा है।  

उसने टोक्यो के बेल्लेसाल्ले हानजोमोन स्टेडियम में साक्ष्य देते हुए बतलाया कि आपदा का शिकार होने के लिए उसे धौंस का सामना करना पड़ता है। शिकायत की कि आपदा के शिकार लोगों से ध्यान हटा लिया गया है। फुकुशिमा दुर्घटना के 8 साल बाद भी लोग रेडियोधर्मी प्रदुषण के दुष्प्रभाव का सामना कर रहे हैं। मातसुकी ने सन्त पिता फ्रांसिस से आग्रह किया कि जो सत्ता में हैं वे कोई दूसरा रास्ता अपनाने का साहस करें।  

अपना संदेश देने के पूर्व सन्त पिता फ्रांसिस ने उपस्थित लोगों से मौन प्रार्थना करने का आह्वान किया ताकि 18,000 से अधिक लोग, जिन्होंने अपना जीवन खो दिया उनके लिए प्रार्थना ही हमारा पहला शब्द हो। 
"ट्रिपल डिजास्टर" के आठ साल बाद जापान ने दिखलाया है कि लोग किस तरह एकात्मता, धैर्य, सहनशीलता और लचीलापन द्वारा एकजुट हो सकते हैं। पूर्ण खोज का रास्ता लम्बा हो सकता है किन्तु इसपर हमेशा आगे बढ़ा जा सकता है यदि लोग एक दूसरे को मदद करने की भावना से प्रेरित हों।  

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