विकट परिस्थिति में लोगों को सही मायनों में अपनी सेवाएं दे। 

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कुछ दिनों पहले मैं अपनी फिलिप्पीन्स यात्रा से वापस भारत लौटा। लौटने से एक दिन पहले मैंने कुछ खरीददारी करने की सोची। क्योंकि मेरे पास उस देश की काफी करेंसी बची हुई थी तो मैं उन्हें खर्च करना चाहता था। मैंने अपनी साथी मित्र से साथ खरीददारी करने के बारे में पूछा। हम दोनों वहाँ के लोकप्रिय बाजार में खरीददारी करने गए और वहाँ हमने अपने सारे पैसे खर्च कर दिए। अब हमारे पास ज्यादा पैसे नही बचे थे। फिर हम वहाँ KFC रेस्टॉरेंट में खाना खाने गए। हमने अपना-अपना मील आर्डर दिया। जिसका बिल लगभग 400 पेसोस(फिलिपिनो मुद्रा) हुआ। जब मैंने हमारा आर्डर दिया उस वक्त वहाँ काम करने वाली एक महिला कर्मचारी में मुझसे कहा कि सर आप दो अलग-अलग आर्डर कर रहे है, इससे अच्छा यह होगा कि आप 300 पेसो वाला यह कॉम्बो मील ले लीजिए। जिसमें आपको यह सारी चीज़ें भी मिल जाएगी और आपके 100 पेसोस भी बच जाएंगे। और आप फायदे में रहेंगे। उसकी यह बातें सुनकर मैं सोच में पड़ गया कि जहाँ आजकल दुकानदार अपने ग्राहकों से अधिक से अधिक मुनाफा कमाना चाहते है। वही एक तरफ यह अपने ग्राहकों को सही मायनों में सेवा दे रहे है एवं उनके फायदे के बारे में सोच रहे है।
मैं उसी दिन का एक और वाक्या आपके सामने पेश करना चाहूंगा। जब शाम को हम अपनी पैकिंग कर चुके थे तब रात का खाना खाने के बाद हमें याद आया कि हमें हैंड सैनिटाइजर भी खरीदना चाहिए क्योंकि हमें तीन अलग-अलग फ्लाइट में यात्रा करनी है और चार एयरपोर्ट से होकर घर पहुंचना है। और कोरोना वायरस का ख़तरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। हमनें देखा तो हमारे पास केवल 120 पेसोस ही थे। रात की लगभग 10 बजे हम पास की एक शॉप में हैंड सैनिटाइजर खरीदने गए। वहाँ हमें पता चला है कि उस शॉप में हैंड सैनिटाइजर खत्म हो चुका है। ओर आपस कोई और शॉप भी नही थी। हमनें दुकानदार से बात की और उन्हें अपनी परेशानी बताई कि कल सुबह जल्दी ही हमारी फ्लाइट है। और हमारे पास हैंड सैनिटाइजर खरीदने का वक्त नही है। तब उस दुकानदार ने अपनी शॉप में अपने ग्राहकों के उपयोग के लिए रखी हुई सैनिटाइजर की बड़ी बोटल की तरफ इशारा करते हुए हमसे कहा कि आप एक काम करिये। यदि आपके पास कोई खाली छोटी बोटल हो तो आप इसमें से हैंड सैनिटाइजर ले लीजिए। जिससे आपका काम हो जाएगा। हमारे पास दूसरा कोई विकल्प नही था तो हमने वापस लौटकर अपने कमरे से हेयर ऑइल ली बोटल ली और वापस उस शॉप में गए और अपनी-अपनी बोटल भर ली। फिर जब मैं उन्हें उसके लिए पैसे देने लगा तो उन्होंने पैसे लेने से साफ इंकार कर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि यह आपके उपयोग के लिए ही रखी है। तब उन्होंने कहा कि अगर आप चाहे तो हमारी शॉप से कुछ खरीददारी कर सकते है जिससे हमारा फायदा भी हो जाएगा। हमने बचे हुए पैसो से चॉकलेट्स खरीद ली। चॉकलेट खरीदने के बाद हमने वहाँ खड़ी उनकी छोटी लड़की को एक चॉकलेट पेश की तो उस लड़की ने झट से चॉकलेट ले ली। जब हम उनसे विदा लेकर वापस जाने लगे तब उन्होंने हमें रोका और हमें बुलाकर एक फेस मास्क का पैकेट जिसमें तीन मास्क थे हमें दे दिया। हमने जब फेस मास्क लेने से इंकार किया तो उन्होंने कहा कि आपको इसकी जरूरत पड़ेगी। हम खुशी-खुशी उस शॉप से अपने-अपने कमरे में आ गए।
आज जब मैं उस घटना के बारे में सोचता हूँ तो महसूस होता है कि किस प्रकार एक अनजान व्यक्ति ने इस संकट के समय हमारी हर संभव सहायता की। जहाँ एक ओर पूरी दुनिया कोरोना वायरस से प्रभावित हो चुकी है और इससे बचने के लिए विभिन्न उपायों को आजमा रही है। सब जगह lockdown कर दिया गया है। इस lockdown से आम जनजीवन भी काफी प्रभावित हुआ है। लोगों को ज़रूरत की चीज़ें भी आसानी से नही मिल पा रही है। साथ ही lockdown की वजह से दुकानदारों ने वस्तुओं के दामों में मनमाने रूप से वृद्धि कर दी है। जहाँ इस समय सभी को एक-दूसरे के साथ मिलकर इस परेशानी से निपटना है तो कई लोग इसका गलत रूप से फायदा उठा रहे है। बात बस इतनी सी है कि निस्वार्थ मन से की गई मदद ही होती है सच्ची सेवा। इसलिए विकट परिस्थिति में लोगों को सही मायनों में अपनी सेवाएं दे। मैं सभी लोगों से विशेषकर दुकानदारों से यह गुज़ारिश करता हूँ कि इस समय किसी भी व्यक्ति की मजबूरी का फायदा मत उठाओ। जितना हो सके उनकी सही मायनों में सेवा प्रदान करें। क्योंकि यह वायरस तो कुछ दिनों में नष्ट हो जाएगा। मगर जो वायरस आपके मन में उपज रहा है वह कभी नष्ट नही होगा और इससे आप अपने ग्राहकों को हमेशा के लिए खो दोगे।

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