कोरोना का दर्द

प्रतीकात्मक तस्वीरप्रतीकात्मक तस्वीर

चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस संक्रमण लगभग पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुका है। हर रोज़ मौत के आंकड़े सैकड़ों की संख्या में बढ़ते हैं जा रहे है और हज़ारों की संख्या में संक्रमितों के की संख्या लगातार बढ़ रही है। पूरी दुनिया में इस वायरस के कारण डर का माहौल बना हुआ है लेकिन इन सबके बीच उम्मीद की बात सिर्फ़ इतनी है कि बहुत से मामलों में लोग ठीक भी हुए हैं। साथ ही देशों ने इस वायरस पर पूर्णतः विजय भी पा ली है।

आज कोरोना से मरने वालों की हालत यह है कि ना चाहकर भी उनके परिजन उनको अलविदा कहने को मजबूर हैं और लाचारी ऐसी कि, न तो आखिरी बार चेहरा देख पाते हैं और न ही ठीक से उन्हें अंतिम विदाई दें पाते हैं। आज के हालत ऐसे हो गए की अगर कोई मर गया है, चाहें वह कोरोना के कारण मरा हो या दूसरे कारण से उसके घर वाले तक उससे छुने से इंकार कर देते हैं। इंसान की हालत तो जानवरो से भी बदतर हो गयी है। हम चाहते हुए भी अपनों के पार्थिव शरीर को छू नहीं सकते और ना ही रीती-रिवाज से उनका अंतिम संस्कार कर सकते है। कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश में एक मामला सामने आया था जिसमें एक मृतक के पार्थिव शरीर को कचरा उठाने वाली गाड़ी में डालकर ले जाया गया। ऐसी कई घटनाये है जो मानवता पर सवालिया निशान खड़े कर रही है।

दुनियाभर में हालात और ज्यादा बद से बदतर होते जा रहे हैं। लोग जीते जी कोरोना के संक्रमण से नहीं बच पाए और मरने के बाद लाशों को दफनाने के लिए जगह कम पड़ गई है। कई जगह हालत इतने बेकाबू हो गये हैं, की संक्रमित लोगो के लिए हॉस्पिटल में जगह तक नहीं बची हैं।
लॉकडाउन का असर एवं लॉकडाउन की मार खासकर मजदूर वर्ग पर देखने को मिली है ,अपने घरों से कोसों दूर काम करने गए ये प्रवासी मजदूर अब लाचारी की मार झेल रहे हैं, मजदूरों की मजदूरी तक उनसे छिन ली गई है। इनके पास घर वापसी के लिए कोई साधन नहीं है लिहाजा ये लोग पैदल या फिर जैसे तैसे ही अपने-अपने घरों को रवाना हुए। और जैसे तैसे अपने घर पहुंच भी जाये तो अपने ही घर जाने की उन्हें अनुमति नहीं हैं।

कोरोना कारण कई लोगो में मानसिक तनाव बढ़ रहा हैं लोग अकेलेपन का शिकार होते जा रहे है। कोरोना काल में कई लोग आत्महत्या तक कर रहें वजह हैं काम न मिलना, पैसों की कमी, युवाओ में मानसिक तनाव का मुख्य कारण रिश्तों में तनाव है। लोगों को यह बात समझनी होगी कि कोरोना से हम सबको एकजुट होकर लड़ना है। यह साल चाहे हम कुछ हासिल न कर पाए या आगे ना बढ़ पाए मगर हमारा मुख्य उद्देश्य यह होना चाहिए कि हम स्वयं को कोरोना से बचाये रखें। अगर हम सुरक्षित इस महामारी से बच निकले तो आनेवाले समय में हम लम्बी छलांग लगाकर अपने सपनो को प्राप्त कर सकते है। इस समय कोरोना संकट में हर कोई विभिन्न प्रकार की परशानियों एवं मुसीबतों से गुजर रहा है मगर हमें विश्वास आगे रखकर आगे बढ़ना होगा।

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