आत्मविश्वास

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दोस्तों, आत्मविश्वास उस ताकत का नाम है जो इंसान को इस दुनिया में कुछ भी करने का हौसला प्रदान करती है आत्मविश्वास आपके भीतर मौजूद एक ऐसी शक्ति है, जो खुद पर भरोसा रखना सिखाती है। आपको यह दिखाने की जरुरत नहीं पड़ती कि आप में आत्मविश्वास है लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि हम खुद में अपार सम्भावनाएं होने पर भी खुद पर भरोसा नहीं रख पाते। वहीं कभी-कभी ऐसा भी होता है कि हम संघर्ष के दिनों में हम कमजोर पड़ जाते हैं, ऐसे मेें आपको कुछ बातोंं को हमेशा याद रखना चाहिए, जिससे कि आप बुरे से बुरे दिनों का भी डटकर मुकाबला कर सकें।

अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलें
हर व्यक्ति अपना एक कंफर्ट जोन बनाता है, जिसमें वह आराम से अपना काम करता रहता है, ऐसे व्यक्ति को अगर कोई नया काम सौंप दिया जाए तो वे घबरा जाते हैं और करने से मना कर देते हैं, इसलिए हमेशा चुनौतियां को स्वीकार करना सीखें और आगे बढ़ें, जैसे ही आप कुछ नया करना शुरू करेंगे आपके अंदर आत्मविश्वास दिखने लगेगा।

आत्मविश्वासी लोगों के साथ रहें
अगर आपने ऐसे लोगों को अपना दोस्त बनाया हुआ है जिनमें आत्मविश्वासी नहीं हैं तो ऐसे दोस्तों से दूर रहना ज्यादा बेहतर है. ऐसे लोगों से मिलना शुरू करें जो आपको अपने कामों से प्रभावित करने वाले हों।

खुद की तुलना दूसरों के साथ न करें 
खुद को, अपनी तुलना दूसरों से करने से रोकना कठिन है, आजकल हर किसी को परफ़ेक्ट बनना है। याद रखें कि एक घर में रहने वाले दो लोगों  एक जैसे नहीं हो सकते । अपने आप की तुलना किसी से न करें आप अलग इंसान है और वो अलग  तुलना करने पर हमेशा एक का महत्व कम हो जाता है।

 शरीर का ध्यान रखें 
फिट रहने पर आप आत्मविश्वास से भरे हुए होते हैं जबकि कई रोगों से घिरे होने पर आपका ध्यान सिर्फ इन्हीं बातों पर जाता है इसलिए अपने शरीर का ध्यान रखें, जिससे कि आपका आत्मविश्वास बढ़ें। 

गलतियों से सीखें 
गलतियां सभी से होती हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि अपनी गलतियों से सीखें न कि इसे खुद पर हावी होने दें। आप हमेशा अपनी गलतियों के बारे में सोचेंगे, तो आपका आत्मविश्वास डगमगाने लगेगा। 

 बुरे दिनों को याद करें 
हम सभी के जीवन में कुछ अच्छे दिन होते हैं और कुछ बुरे दिन भी होते हैं, और हम अपने बारे में क्या सोचते हैं, ये हर दिन के हिसाब से बदलता जाता है।कोई भी बुरे दिन याद नहीं करना चाहता लेकिन जब भी आपका आत्मविश्वास डगमगाने लगे, तो अपने बुरे दिनों को याद करें कि आप कैसे उन दिनों से निकलकर हर दिन बेहतर हुए हैं। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।

अपनी तारीफ या बुराई को गंभीरता से न लें 
मनुष्य का  स्वभाव है की  हमें अपनी तारीफें सुनना पसंद होता है लेकिन तारीफों के पीछे छुपे कारणों को समझना बहुत जरूरी है। खुद का मूल्याकंन करें कि आप में क्या प्रतिभा है। किसी की तारीफ या बुराई को मन से लगाकर न रखें।

यदि हम अपनी उपलब्धियों और दक्षता को जाँचना शुरू कर देते हैं, तो हम सच में आगे बढ़ सकते हैं।

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