अवेंजर्स 

डॉक्टर भगवान का रूप होता हैडॉक्टर भगवान का रूप होता है

कहते है- "डॉक्टर भगवान का रूप होता है।" हम सभी यह बात मानते है और जब कभी हम शारिरिक एवं मानसिक रूप से बीमार होते है तो हमें सबसे पहले डॉक्टर की ही याद आती है। हम डॉक्टर्स पर भरोसा करते है कि वह हमारी ज़िंदगी को ज़रूर बचा लेंगे।यही उम्मीद लेकर हम डॉक्टर के पास जाते है।
जो जीवन की रक्षा करता है उसे भगवान का दर्जा दिया जाता है। मगर जो अपनी जान जोखिम में डालकर औरों की जान बचाये, उसे हम क्या कहेंगे? उसका दर्ज़ा भगवान से भी ऊपर होना चाहिए।
आज एक अदृश्य से वायरस ने लोगों की ज़िंदगी की गति को धीमा करते हुए लोगों को चार दिवारी में रहने को मजबूर कर दिया गया है। साथ ही इसने लोगों को लोगों से ही दूर कर दिया है। मनुष्य ना चाहते हुए भी अपनों से उचित दूरी बनाकर रह रहा है। एक अदृश्य से वायरस ने मानव ज़िन्दगी पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। ऐसे कठिन समय में जब हर कोई डर के मारे अपने अपने घरों में दुबक्कर बैठा है ऐसी परिस्थिति में भी डॉक्टर्स एवं चिकित्साकर्मी अवेंजर्स बनकर दुनिया की रक्षा के लिए आगे आये है। डॉक्टर एवं चिकित्सा कर्मी इसलिए क्योंकि वे जानते हुए की इस काम मे कितना खतरा है फिर भी अपनी जान की परवाह किये बिना वो अपनी सेवा लोगों को दे रहे है। इनके अलावा भी सैनिक, पुलिस, बैंक कर्मचारी एवं अनेको लोग हमें विभिन्न रूपों में अपनी सेवाएं हम लोगों तक पहुंचा रहे है। मगर वे इस खतरे के उतने करीब नही है जितने की डॉक्टर्स एवं स्वास्थ्य कर्मी है। 
जहाँ डॉक्टर्स को भगवान का दर्जा दिया जाता है , वहीं हमारे देश की विडम्बना यह है कि उन डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले किये जा रहे है। जो डॉक्टर्स लोगों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित कर रहे है उनकी खुद की सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान हमारे सामने आ खड़ा है। हमारे देश मे स्वास्थ्य कर्मियों की हालत यह है कि उनके पास Personal protective equipment (ppe) भी नही है। फिर भी वे किसी न किसी तरह से अपनी जान जोखिम में डालकर हमारी मदद कर रहे है। अपनी सुरक्षा को नजर अंदाज करते हुए डॉक्टर रेनकोट पहनकर लोगों का इलाज कर रहे है। लोगों का इलाज करने गए डॉक्टर्स पर हमला किया गया मगर हमले के बाद भी वे डॉक्टर्स फिर से लोगों की सेवा के लिए वापस काम पर आए। ऐसे फरिश्तों के जज्बे को मैं दिल से सलाम करता हूँ। ये किसी अवेंजर्स से कम नही है। एक बात हम लोगों को जानना बहुत ज़रूरी है कि केवल डॉक्टर्स ही है जो हमें कोरोना संकट से मुक्त कर सकते है।
आज हमें अपनी जिम्मेदारी एवं कर्तव्य समझने की ज़रूरत है। मैं पुनः आप लोगों से यह अपील करता हूँ कि डॉक्टर्स एवं स्वास्थ्य कर्मियों पर अत्याचार मत कीजिये क्योंकि ये ही वे अवेंजर्स है जो आपको, हमें एवं इस दुनिया को कोरोना संकट से मुक्त करा सकते है।
इन्हें आज हमारे लिए फरिश्ते बनकर कार्य कर रहे है तो हमारा भी यह फ़र्ज़ बनता है कि हम उनका समान करे। उन्हें मजबूती प्रदान करें। क्योंकि अगर इनका होंसला टूटा तो हमें इस महामारी से कोई नही बचा पायेगा। इसलिए आप सभी लोगों से यह निवेदन है कि इनके साथ दुर्व्यवहार करके इनका हौंसला ना तोड़े। ये सम्मान के हकदार है अपमान के नही। अगर डॉक्टर्स ना होते तो आज हम जो हज़ारो की संख्या में कोरोना से ग्रसित है वह संख्या कब से लाखों तक पहुंच जाती। मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि अपनी जिम्मेदारी को समझिए और इनका सहयोग कीजिये इनका हौसला मत टूटने दीजिये। क्योंकि फिलहाल तो यही भगवान है जो हमें कोरोना संकट से बचा सकते है

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