फेक न्यूज़ को कहे "ना"! 

फेक न्यूज़ फेक न्यूज़

दोस्तों आज हर कोई व्यक्ति मोबाइल, लैपटॉप, आई-पैड एवं कंप्यूटर के द्वारा इंटरनेट से जुड़ा हुआ है। इंटरनेट के जरिये वह सोशल मीडिया पर भी अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहा है। आज के इस दौर में हर किसी के पास स्मार्ट फोन है। और उस स्मार्ट फ़ोन के जरिये हर कोई इंटरनेट की दुनिया से अछूता नही राह गया है। 
सोशल मीडिया के माध्यम से दिन भर में हमारे पास ना जाने कितनी सारी खबरें आती रहती है। जिनमें से कुछ सही होती है और कुछ होती है फेक न्यूज़। मगर हम बिना सोचे समझे, बिना उस खबर की सच्चाई जाने उसे आसानी से अन्य लोगों को फॉरवर्ड कर देते है। या यूं कहें कि सोशल मीडिया के द्वारा हर कोई रिपोर्टर बन गया है। इंटरनेट की क्रांति के बाद में समाज मे एक बहुत बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। बहुत सी चीज़े हमारे लिए आसान एवं सरल बन गयी है। साथ ही लोगों को संचार का सस्ता एवं सरल माध्यम भी मिल गया है। मगर इसके साथ ही फेक न्यूज़ में भी काफी इज़ाफ़ा हुआ है। इंटरनेट का उपयोग करने वाले अधिकतर लोगों को असली न्यूज़ एवं फेक न्यूज़ में अंतर ही नही पता है। उन्हें सोशल मीडिया पर जो भी खबर, लेख, कहानी, फ़ोटो, विडियो आदि मिलते है तो वे लोग उनपर आसानी से भरोसा कर लेते है औऱ बिना इसकी सत्यता की जाँच किये इसे फारवर्ड भी कर देते है। जिसके कारण समाज मे अफवाहें एवं फेक न्यूज फैलती रहती है। जो समाज के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। मैं यह नही कह रहा हूँ कि सोशल मीडिया की सारी खबरें गलत होती है। मैं बस इतना कह रहा हूँ कि सोशल मीडिया से प्राप्त खबरों पर हमें आँख मूंदकर भरोसा नही करना चाहिए और उसे आगे फॉरवर्ड करने से पूर्व उसकी सत्यता की जाँच कर लेनी चाहिए।

दोस्तों एक खबर की तरफ मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा जो अभी कुछ दिनों पहले पालघर मुम्बई में घटित हुई। आप सभी इस खबर से भली भांति परिचित होंगे कि किस तरह लोगों ने अफवाहों के आधार पर पालघर मुम्बई में दो साधु संतों सहित तीन लोगों को पीट पीटकर मार डाला। यह दिल दहला देने वाली घटना फेक न्यूज़ या अफ़वाहों के कारण हुई। बच्चा चोरी के शक में उस स्थान में यह अफवाह फैल गयी कि कुछ लोग बच्चा चुराने आये है। यह अफवाह सोशल मीडिया के द्वारा उस जगह फैल गयी और लोगों ने इकट्ठा होकर पुलिस के सामने ही उन तीन लोगों को पीट पीटकर मौत के घाट उतार दिया।
इस घटना के द्वारा हम समझ सकते है कि फेक न्यूज़ या अफवाहें हमारे लिए, हमारे समाज एवं हमारे देश के लिए कितनी घातक साबित हो सकती है।

दोस्तों मैं आपको बताना चाहूंगा कि कैसे आप आसानी से पता कर सकते है कि जो खबर आपके पास आयी है वो सही है या फेक। आपको बस कुछ चीज़ों पर ध्यान देना होगा जिससे आपको आसानी से पता चल जायेगा कि खबर असली है या नकली। पहली चीज़ है खबरों का सोर्स(स्रोत)। मतलब आपको को खबर या आर्टिकल सोशल मीडिया पर कहाँ मिला। या इसका सोर्स क्या है। अगर आपको जो खबर मिली है खबर फॉरवर्ड की हुई है तो आपको उसकी सत्यता की जांच करना अति आवश्यक है। अगर यह आपको ऐसी ही किसी वेबसाइट से मिला है जिस वेबसाइट की कोई क्रेडिबिलिटी ही नही है तो आपको जो खबर या आर्टिकल प्राप्त हुआ है अगर वो प्रामाणिक नही है तो आपको ऐसी खबरों को फारवर्ड करने से बचना चाहिए। आपको ज्यादा कुछ नही करना है बस जब भी सोशल मीडिया पर आपके पास ऐसी कोई न्यूज़ या लेख आये तो आपको अपना दिमाग लगाना है कि क्या यह सचमुच सही न्यूज़ है या फेक न्यूज़। आप गूगल पर 2-3 मिनट इस न्यूज़ के बारे में उस न्यूज़ की सत्यता के बारे में भी पता लगा सकते है। 
साथ ही आपको यह भी पता लगाना चाहिए कि जो खबर आपको प्राप्त हुई है वो कब की है। क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि जो खबर हमे प्राप्त होती है वो कई साल पुरानी होती है। वह खबर उस समय सही होती थी। मगर अगर आप आज उसे शेयर करते है तो आज के समय मे वो फेक न्यूज़ ही कही जाएगी।

तथ्य और कल्पना/धारणा के आधार पर
यहां दोस्तों एक और चीज़ है जो आपका ध्यान भटका सकती है और वह यह है कि जो खबर आपको प्राप्त हुई है किस पर आधारित है-तथ्य पर या फिर कल्पना मात्र पर। क्योंकि कई बार ऐसा भी होता है कि जो खबर हमे मिलती है वह बस कल्पना मात्र होती है। और अगर हम इसे जाँच पड़ताल किये बिना फारवर्ड करते है तो हम समाज मे इसके द्वारा अफवाहें फैला सकते है। हमको यह समझ नही आता है कि इसके द्वारा हम कितनी बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकते है। थोड़ी सी सावधानी बरतकर हम समाज को टूटने से बचा सकते है। 
हमें सोशल मीडिया द्वारा प्राप्त न्यूज़ को प्रामाणिक न्यूज़ चैनल एवं समाचार पत्रों से मेल कर लेनी चाहिए। हमें यह भी पता कर लेना चाहिए कि यह खबर सचमुच घटित हुई भी है या फिर यह एक अफवाह मात्र है।
दोस्तों मैं आपका ध्यान एक और चीज़ की ओर आकर्षित करना चाहूंगा और वह है- कोरोना वायरस। कोरोना वायरस के चलते आजकल सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस से बचने के बहुत से उपाय व जानकारियां वायरल हो रही है। ये जानकारियां किसी भी तथ्य पर आधारित नही है। बहुत से लोग इस पर अपना अपना ज्ञान बाँट रहे है। मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि अपने एवं अपने परिवार की सुरक्षा के लिए इन खबरों पर आँख मूंदकर भरोसा ना करें। और इसे फॉरवर्ड करने आए पहले इसकी सत्यता प्रमाणित कर ले। ताकि इससे किसी को किसी भी प्रकार की हानि ना हो। ये कुछ छोटी छोटी चीज़े है जिसको ध्यान में रखकर हम समाज मे अफवाहो को फैलने से रोक सकते है। और समाज निर्माण में अपना योगदान दे सकते है।
घर रहे।
स्वच्छ रहे।
स्वस्थ रहे।
कोरोना को फैलने से रोके।

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