पुरानी बातें समाप्त हो रही है।

कोरोना संकटकोरोना संकट

कोरोना संकट के दरमियान लोगों को जितनी अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ा, उतने ही अधिक रूप से प्रकृति को इसका लाभ भी हुआ है। यह कहना गलत नही होगा कि कोरोना संकट मनुष्यों की गलतियों एवं लालच का परिणाम है। कोरोना वायरस के कारण मनुष्यों के क्रियाकलापों में अचानक से बदलाव देखने को मिला है। जिससे कि हम कह सकते है कि पुरानी बातें एवं आदतें समाप्त हो रही है। मनुष्य ने एक नया स्वभाव धारण कर लिया है। जो कि हम सभी के लिए साथ ही प्रकृति के लिए किसी सौगात से कम नही है। कोरोना वायरस से हमारे स्वभाव मे जो परिवर्तन आया है उसे हमें आगे भी बनाये रखना है। जैसे कि स्वछता, शारीरिक दूरी आदि बनाये रखना होगा। कोरोना संकट में हम जिन चीज़ों पर ध्यान दे रहे है उसका पालन हमें इसके बाद भी करना होगा।

पहली चीज़ है स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता।
जिस प्रकार हम अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हुए है उसी प्रकार आगे भी हमे अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना पड़ेगा। पहले हम थोड़ी सी सर्दी खांसी, गले में खराश, पेट दर्द, सर दर्द, बदन दर्द एवं छोटी मोटी चीज़ों को लेकर लापरवाही करते थे मगर यह किसे पता था कि यही छोटी मोटी बीमारी के लक्षण हमारे लिए इतने घातक सिद्ध होंगे। कोरोना वायरस में हमें यह बात सिखा दी है कि हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने की ज़रूरत है। जिससे कि लोग इस प्रकार की समस्याओं से सदा दूर रहे।

दूसरी चीज है साधारण जीवनशैली।
कोरोना संकट के चलते मनुष्य चार दिवारी में रहने को मजबूर है। कोरोना वायरस के चलते लोग घरों में रहकर काम करना सीख गए है। साथ ही उन्होंने अपनी जीवनशैली में भी परिवर्तन लाया है। कम से कम चीज़ों के उपयोग द्वारा जीवन यापन करना भी सीख गए है। घर पर रहकर काम करने से लोगों ने पारिवारिक जीवन एवं प्रोफ़ेशनल जीवन में तालमेल स्थापित कर लिया है। साधारण जीवनशैली को अपनाकर मनुष्य ने थोड़े में ही जीवन जीना सीख लिया है। कोरोना वायरस के कारण मनुष्य को रोटी, कपड़ा और मकान की कीमत समझ में आ गयी है।

तीसरी चीज़ है शारीरिक दूरी
कोरोना संकट के पहले तक लोगों के लिए शारिरिक दूरी कोई ज्यादा मायने नही रखती थी। खचाखच भरी बस एवं ट्रैन में चढ़ना लोगों की ज़िंदगी का अहम हिस्सा था मगर कोरोना संकट के बाद से लोगों ने शारीरिक दूरी की ओर ध्यान देना सीख लिया है और कोरोना संकट के खत्म होने के बाद भी लोग शारिरिक दूरी बनाए रखने पर अवश्य ही ध्यान देंगे। क्योंकि लोग शारीरिक दूरी का महत्व कोरोना संकट में भली भांति अच्छे से समझ चुके है। जो उन्हें भविष्य में भी होने वाली बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करेगा।

चौथी चीज़ है इंटरनेट।
कोरोना संकट से पहले लोग कहते थे कि आने वाला समय इंटरनेट का होगा मगर मैं आपसे कहता हूं कि इंटरनेट का जमाना आ चुका है। पहले लोग इंटरनेट का केवल काम चलाऊ उपयोग करते थे मगर कोरोना संकट के दौरान लोगों ने सारा काम इंटरनेट से करना सीख लिया है। सरकार ने भी कर्रेंसी उपयोग करने के बजाय ऑनलाइन ट्रांसेक्शन करने की सलाह दी है। घर के राशन से लेकर आफिस के काम तक सारे इंटरनेट के ज़रिए हो रहे है। मतलब यह है कि लोगों का रुझान ऑनलाइन एक्टिविटी की ओर बढ़ गया है। साथ ही लोगों ने निजी जिंदगी के कार्य को इंटरनेट के द्वारा सम्पन्न करना भी बखूबी सीख लिया है।

पांचवी चीज़ है- सकारात्मक रवैया।
दोस्तों आप सभी को सकारात्मक रवैया अपनाने की बहुत आवश्यकता है क्योंकि आने वाला समय बहुत खास है। हो सकता है कि कोरोना संकट की वजह से जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई में हमे बहुत समय लग सकता है। अर्थव्यवस्था जो पटरी से उतार चुकी है उसे दोबारा से पटरी पर लाने में काफी वक्त लग सकता है। कोरोना वायरस के बाद मंदी की मार से सबका हाल बेहाल होने वाला है। मगर ऐसे समय मे ज़रूरत है कि हम खुद को सकारात्मक रखे एवं सकारात्मकता फैलाये।
दोस्तों परिवर्तन संसार का नियम है। कोरोना संकट के कारण हमारे जीवन मे बहुत परिवर्तन आया है। प्रकृति को बिना नुकसान पहुंचाए भी हम सभी अपना जीवन अच्छे से जी रहे है। प्रकृति एक बार पुनः मुस्कुरा रही है। यह हम सभी का कर्तव्य बनता है कि हम प्रकृति की मुस्कान यूं ही बरकरार रखे। और इसमें हम सभी को अपना अपना महत्वपूर्ण योगदान देना होगा। जिससे कि हमें पुनः इस प्रकार का संकट का सामना करना ना पड़े।

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