संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख ने अफगान संघर्ष-विराम की अपील। 

मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट ने चेतावनी दी है कि जब तक संघर्ष के सभी पक्ष शांतिपूर्ण समाधान तक पहुंचने के लिए बातचीत नहीं करेंगे, तब तक पहले से ही अत्याचार के शिकार कई अफगानियों की स्थिति बिगड़ती जाएगी।
संयुक्त राष्ट्र के मानव अधिकार प्रमुख ने अफगानिस्तान में बढ़ती हिंसा एवं मानवाधिकारों के उल्लंघन के अपराध पर चिंता व्यक्त की है तथा कहा है कि इसका लोगों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ रहा है। मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट ने मंगलवार को अपनी चिंता व्यक्त की क्योंकि नागरिक हताहतों की संख्या लगातार बढ़ रही है और युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों की रिपोर्टें सामने आ रही हैं।
मिशेल बाचेलेट ने कहा, "अधिक रक्तपात रोकने के लिए संघर्षरत दलों को लड़ना बंद करना चाहिए। तालिबान को शहरों में अपना सैन्य अभियान बंद कर देना चाहिए।" उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक सभी पक्ष बात-चीत की मेज पर नहीं आयेंगे तथा शांतिपूर्ण समझौता नहीं करेंगे तब तक कई अफगानियों की स्थिति बिगड़ती ही जाएगी।   
20 वर्षों के युद्ध के बाद जिसकी शुरूआत अमरीका में 11 सितम्बर के हमले के जवाब में की गई थी 2001 में सत्ता से हटाए गए अमेरिका और तालिबान आतंकवादियों के बीच एक समझौते के बाद विदेशी ताकतें अफगानिस्तान से बाहर निकल रही हैं। तालिबान ने अफगानिस्तान को उन आतंकवादियों का अड्डा नहीं बनने देने का संकल्प लिया है जो पश्चिम को धमकी दे सकते हैं। लेकिन जिस तरीके और गति से तालिबान सरकारी सैनिकों से क्षेत्रों का नियंत्रण छीन रहे हैं, उससे संकेत मिलता है कि देश एक बिगड़ते मानवीय संकट और गृहयुद्ध में फिसल रहा है।
सोमवार को संयुक्त राष्ट्र बाल फंड (यूनिसेफ) ने अफगानिस्तान के बच्चों के खिलाफ बढ़ती गंभीर हिंसा पर चिंता व्यक्त की, जहाँ 72 घंटे के अंदर 27 बच्चों की मौत हुई और 136 बच्चे घायल हो गये हैं। यूनिसेफ की अफगानिस्तान प्रतिनिधि हार्वे लुदोविक दी लेस ने कहा, "ये सभी बच्चे हैं जिनके अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत संरक्षण के अधिकार की युद्धरत पक्षों द्वारा अवहेलना की गई है।"
नवनियुक्त संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के प्रमुख और आपातकालीन राहत समन्वयक, मार्टिन ग्रिफिथ्स भी संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और सुरक्षा परिषद के सदस्यों के साथ नागरिकों के खिलाफ हमलों की निंदा की और युद्धविराम का आह्वान किया।
एक बयान में मार्टिन ने कहा कि पूरे देश में संघर्ष जिसने 40,000 लोगों की जानें ले ली हैं ग्रिफिथ्स ने एक बयान में कहा, "देशभर में लड़ाई, जिसने 2009 के बाद से संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टिंग शुरू होने के बाद से 40,000 से अधिक लोगों की जानें ले ली हैं उसे रोकने की जरूरत है। लोगों ने बहुत संघर्ष किया है।" सिर्फ जुलाई में हेलमंद, कंधार और हेरात प्रांतों में नागरिकों के खिलाफ अंधाधुंध हमलों के कारण 1,000 से अधिक लोग मारे गए या घायल हुए।

Add new comment

5 + 1 =