रक्तदान से कम होता है कैंसर और दिल का दौरा पड़ने का खतर

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

दुनियाभर में आज विश्‍व रक्‍तदान दिवस मनाया जा रहा है। विश्व रक्त दाता दिवस हर सा 14 जून को मनाया जाता,है। विश्व रक्तदाता दिवस, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक पहल है। यह दिन हर साल रक्तदान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने और स्वैच्छिक अवैतनिक रक्त दाताओं के योगदान से जीवन बचाने को पहचानने के लिए मनाया जाता है। आपका रक्‍तदान किसी के लिए जीवनदान हो सकता है, इसलिए इसे महादान' भी कहा जाता है।रक्तदान कर किसी की जान बचाई जा सकती है वहीं दूसरी तरफ यह हमारे शरीर के लिए भी बहुत ही लाभदायक होता है। हालांकि, अधिकतर लोग रक्त दान को लेकर जागरूक नहीं हैं और कई लोग बल्ड डोनेट करने से हिचकिचाते हैं।

रक्तदान के संबंध में इससे जुड़े हुए विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लड डोनेट करना न सिर्फ दूसरों की जान बचाने के लिए उपयोगी है बल्कि हमारे खुद के शरीर के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है। रक्तदान से शरीर और मन दोनों पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है।

रेड ब्लड सेल्स का प्रोडक्शन :- हमारे शरीर में सबसे अधिक रेड ब्लड सेल्स होता है। लेकिन जब शरीर अधिक एक्टीव नहीं रहता है तो इसके बनने की गति धीमी पड़ जाती है। ऐसे में शरीर में खून की कमी होने लगती है। ऐसे में रक्तदान करने से हमारी शरीर उस खून की कमी को पूरा करने के काम लग जाता है और फिर शरीर की कोशिकाएं रेड ब्लड सेल्स का निर्माण करती हैं। इससे नए रेड ब्लड सेल्स बनते रहते हैं, जो हमारी सेहत को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

दिल की सेहत में सुधार- रक्तदान करने से दिल की सेहत अच्छी रहती है। इससे न सिर्फ दिल की बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है, बल्कि स्ट्रोक के खतरे भी कम हो जाते हैं। खून में आयरन की मात्रा अधिक होने से स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है। पर रक्तदान करने से आयरन की मात्रा नियंत्रित रहती है।

कैंसर का खतरा कम :- यदि कोई व्यक्ति नियमित समयांतराल में रक्तदान करता रहता है तो फिर उसे कैंसर का खतरा कम रहता है। चूंकि रक्तदान से शरीर में आयरन की मात्रा अधिक होने का जोखिम कम हो जाता है।

फुल बॉडी चेकअप :- नियमित तौर पर रक्तदान करने से आपके सेहत के बारे में आपको जानकारी मिलती रहती है। रक्तदान करने से पहले बॉडी का चेकअप किया जाता है कि आप खून दान करने के लिए स्वस्थ हैं या नहीं। इसके अलावा खून की जांच से आपके शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर का भी पता चल जाता है। रक्तदान से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।

वजन कंट्रोल :- रक्तदान करने से हमारे शरीर का वजन नियंत्रित रहता है। रक्तदान से शरीर की अतिरिक्त कैलोरी बर्न होती है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। हालांकि, रक्तदान कर वजन कम करने का तरीका सही नहीं है। यदि शरीर अस्वस्थ हो तो फिर इसके नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकते हैं। इसलिए वजन कम करने के दृष्टि से रक्तदान नहीं करना चाहिए।

18-60 साल कर सकते हैं रक्तदान :- स्वास्थ्य एक्सपर्ट का कहना है कि स्वस्थ व्यक्ति जिनकी आयि 18-60 साल के बीच है वे रक्तदान कर सकते हैं। यदि आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं या फिर किसी प्रकार की दवा नियमित तौर पर ले रहे हैं तो आप रक्तदान नहीं कर सकते हैं।

महिलाएं भी रक्तदान कर सकती हैं। हालांकि, मासिक धर्म, गर्भावस्था और स्तनपान की स्थिति में महिलाओं को रक्तदान करने से बचना चाहिए। क्योंकि इन स्थितियों में महिलाओं के खुद शरीर को अधिक से अधिक खून की जरूरत होती है।

Add new comment

1 + 10 =