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38 देशों के 500 वैज्ञानिकों ने बनाई प्रश्नावली, मसाले चखने से पता चल जाएगा कोरोना है या फ्लू
कोरोना वायरस (Corona Virus) और सामान्य फ्लू के लक्षण कई मामलों में एक जैसे लगते हैं. ऐसे में ये समझ पाना मुश्किल होता है कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण हैं या फिर सामान्य सर्दी-जुकाम. हालांकि, अब आप जल्द ही घर बैठे कोरोना के लक्षणों की सही पहचान कर पाएंगे. किचन (Kitchen) में रखे मसालों से कोरोना और फ्लू (FLU) में आसानी से फर्क किया जा सकता है।
भारत (India) समेत करीब 38 देशों के 500 वैज्ञानिकों ने एक प्रश्नावली तैयार की है. इससे आसानी से पता चल सकेगा कि किसी को कोविड-19 बीमारी है या आम फ्लू. फिलहाल भारत में लागू करने के लिए एथिकल अप्रूवल का इंतजार है।
अप्रूवल के बाद इस प्रश्नावली या एप को भारत सरकार के आरोग्य सेतु (aarogy setu) के साथ जोड़ा जाएगा. ये एक तरह का सर्वे है, जिसमें आपकी रसोई में मौजूद मसालों को चखकर आपको जबाव देना होगा और इसी के आधार पर रिजल्ट पता चलेगा।
रसोई में रखे मसाले जैसे हल्दी, जीरा, सौंफ , दालचीनी, इलायची, मुलैठी, काली मिर्च, लांन्ग, सरसों को चखकर या सूंघकर आप ये पता लगा सकते हैं कि आपको सामान्य सर्दी-जुकाम है या फिर कोरोना का संक्रमण.कोरोना के लक्षण फ्लू से मिलते-जुलते हैं।
संक्रमण के दौरान बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी परेशानियां पैदा होती है. ये वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है, इसलिए इसको लेकर काफी सावधानी बरती जा रही हैं।
कई मामलों में कोरोना बहुत घातक साबित हो सकता है. खासकर ज्यादा उम्र के मरीजों के लिए, जिनको पहले से ही अस्थमा, डायबिटीड और दिल की बीमारी है.भारत से सेंट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट ऑर्गेनाइजेशन (सीएसआईओ) के डॉ. रितेश कुमार, डॉ. अमोल पी. भोंडेकर और डॉ. रिशमजीत सिंह भी इस समूह में काम कर रहे हैं।
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज और आईआईटी दिल्ली के वैज्ञानिक भी इसका हिस्सा हैं. समूह सांस की बीमारी होने पर सूंघने और स्वाद आने की शक्ति कम होने की थ्योरी पर काम कर रहा है।
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