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स्वास्थ्य व्यवस्था पर पुनःविचार की जरूरत, महाधर्माध्यक्ष पालिया
समग्र मानव विकास हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के जीवन के अकादमी और लातीनी अमरीकी काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के प्रतिनिधियों ने एक ऑनलाईन सभा में भाग लिया। सभा का मुख्य उद्देश्य था महामारी के इस समय में अपने स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार लाने के लिए समाज का आह्वान करना।
जीवन के लिए परमधर्मपीठीय अकादमी ने एक दस्तावेज प्रकाशित किया है जिसका शीर्षक है – "महामारी एवं वैश्विक भाईचारा।" सोमवार को समग्र मानव विकास हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के जीवन के अकादमी और लातीनी अमरीकी काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के प्रतिनिधियों (सीईएलएमी) के बीच हुई ऑनलाईन सभा में इसी दस्तावेज को केंद्र में रखा गया था।
लातीनी अमरीकी काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन में कोलोम्बिया, मध्य अमरीका, क्यूबा और मेक्सिको के धर्माध्यक्ष आते हैं।
प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य समस्या और सार्वजनिक हित पर वार्ता को प्रोत्साहन दिया तथा इसे जीवन की रक्षा करने के लिए पहला कदम बतलाया।
मार्च महीने के अंत में प्रकाशित दस्तावेज में विज्ञान एवं मानवतावाद के बीच संबंध का आह्वान किया गया है जो संकट में हमारे प्रत्युत्तर का मार्गदर्शन करेगा।
समान अवसर
महाधर्माध्यक्ष पालिया के अनुसार, "दस्तावेज 30 मार्च को प्रकाशित हुआ जो दो निर्णायक निष्कर्ष को रेखांकित करता है।"
पहला, रोकथाम, निदान और उपचार के सर्वोत्तम अवसरों के लिए चिंता, जिसपर उन्होंने जोर दिया है कि उन्हें कुछ विशेषाधिकार प्राप्त लोगों के लिए सुरक्षित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भविष्य में उपलब्ध होते ही वैक्सीन का वितरण एक महत्वपूर्ण परीक्षण मामला होगा।
एक नया दस्तावेज
जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय अकादमी के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष विंसेन्ट पालिया ने कोविड-19 महामारी के समय अकादमी के महत्वपूर्ण योगदानों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि अकादमी ने 30 मार्च को "महामारी एवं वैश्विक भाईचारा" पर दस्तावेज प्रकाशित किया है और आने वाले दिनों में दूसरा दस्तावेज प्रकाशित करनेवाला है।
आगामी दस्तावेज की विषयवस्तु सार्वजनिक स्वास्थ्य पर आधारित होगी, जिसका शीर्षक है "महामारी के युग में मानवीय समुदाय : जीवन के पुनर्जन्म पर चिंतन।"
महाधर्माध्यक्ष पालिया ने आशा व्यक्त की कि अकादमी बुजूर्गों की जाँच पर कार्य कर रही है, जो महामारी से सबसे अधिक प्रभावित हैं।
उन्होंने बताया कि इस दस्तावेज को चिंतन हेतु सभी को दिया गया है जिससे कि हम आज विश्व में क्या हो रहा है उसके अर्थ को समझ सकें।
महाधर्माध्यक्ष ने संत पापा के शब्दों को दुहराते हुए चेतावनी दी कि हम एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम महसूस करते हैं कि यह वक्तव्य कितना यथासमय है, इसमें कोई संदेह नहीं है कि स्वास्थ्य देखभाल के समस्त क्षितिज पर स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुनःविचार करने की आवश्यकता है।"
जिम्मेदार वैज्ञानिक अनुसंधान
दूसरा निष्कर्ष, जिम्मेदार वैज्ञानिक अनुसंधान से संबंधित है। महाधर्माध्यक्ष पालिया ने बतलाया कि "आर्थिक लाभ के संदर्भ में अपनी स्वतंत्रता के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान की अखंडता हेतु बहुत कुछ दांव पर लगा है। इस संदर्भ में महाधर्माध्यक्ष ने बतलाया कि अंतरराष्ट्रीय संस्था का आह्वान है कि वह आमघर में रहने वाले मानव परिवार के सभी सदस्यों के स्वास्थ्य से संबंधित पहलुओं पर पुनर्विचार करे।"
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