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संत पापा ने अमाजोन के गरीब एवं कमजोर लोगों के लिए प्रार्थना की
स्वर्ग की रानी प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने विश्वासियों का अभिवादन किया एवं अमाजोन की कलीसिया के लिए प्रार्थना की।
संत पापा ने कहा, "सात महीनों पहले अमाजोन पर सिनॉड समाप्त हुआ। आज पेंतेकोस्त महापर्व के दिन हम पवित्र आत्मा का आह्वान करें कि वह कलीसिया एवं अमाजोन समाज को ज्योति और शक्ति प्रदान करे, जो महामारी की कठिन परीक्षा से गुजर रहा है।"
वहाँ कई लोग संक्रमित हुए हैं और अनेक लोगों की मृत्यु हो चुकी है, उनमें आदिवासी लोग भी हैं जो कमजोर हैं। संत मरियम अमाजोन की माता की मध्यस्थता द्वारा मैं उस प्यारे क्षेत्र के सबसे गरीब एवं असुरक्षित लोगों के लिए प्रार्थना करता हूँ, साथ ही विश्व के सभी लोगों के लिए भी प्रार्थना करता हूँ और अपील करता हूँ कि स्वास्थ्य सुविधा से कोई भी वंचित न हो। धन को बचाने की अपेक्षा लोगों की सेवा की जाए, क्योंकि व्यक्ति धन से अधिक महत्वपूर्ण है। हम मानव पवित्र आत्मा के मंदिर हैं न कि धन।
इटली में राष्ट्रीय राहत दिवस
तत्पश्चात् संत पापा ने राहत दिवस की याद करते हुए कहा, "आज इटली में राष्ट्रीय राहत दिवस मनाया जाता है ताकि रोगियों के प्रति सहानुभूति की भावना को बढ़ाया जा सके। मैं पुनः उन लोगों की सराहना करता हूँ, विशेषकर, जो इस समय में दूसरों की देखभाल के लिए समर्पित हैं। मैं उन सभी लोगों को कृतज्ञता और सम्मान के साथ याद करता हूँ जिन्होंने महामारी के इस समय में बीमार लोगों का साथ दिया है उन्हें जीवन प्रदान किया है। संत पापा ने सभी डॉक्टरों, स्वयंसेवकों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों और इस समय में अपना जीवन देनेवाले सभी लोगों की याद करते हुए उनके लिए मौन प्रार्थना अर्पित की।
पवित्र आत्मा की आवश्यकता
उसके बाद संत पापा ने सभी को पेंतेकोस्त रविवार की शुभकामनाएँ अर्पित की तथा कहा कि हमें पवित्र आत्मा की ज्योति एवं शक्ति की बहुत अधिक जरूरत है। कलीसिया को इसकी आवश्यकता है जिससे कि वह सौहार्द एवं साहस के साथ सुसमाचार का साक्ष्य देते हुए आगे बढ़ सके। सारी मानव जाति को इसकी जरूरत है ताकि वह विभाजन के संकट से ऊपर उठकर अधिक एकजुटता के साथ आगे बढ़ सके। उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के परिणाम पर गौर करते हुए कहा कि हम जानते हैं कि इस तरह के संकट से हम पहले की तरह बाहर नहीं आ सकते, या तो हम बेहतर बन सकते हैं अथवा बदतर। हम बदलाव लाने, बेहतर बनाने, पहले से अधिक अच्छा करने एवं महामारी के बाद सकारात्मक निर्माण करने का साहस कर सकें।
अंत में, संत पापा ने सभी से प्रार्थना का आग्रह करते हुए, संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में पुनः मिलने की शुभकामना के साथ विश्वासियों से विदा ली।
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