विशाखापट्टनम गैस लीक हादसा

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

विशाखापट्टनम. आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम के वेंकटपुरम गांव में गुरुवार तड़के करीब 3 बजे केमिकल फैक्ट्री से स्टाइरीन गैस लीक होने से 11 लोगों की मौत हो गई। इनमें दो बच्चे भी शामिल हैं। गैस एलजी पॉलिमर्स के प्लांट से लीक हुई। स्टाइरीन गैस प्लास्टिक, फाइबर ग्लास, रबर और पाइप बनाने में इस्तेमाल होती है।

स्टाइरीन एक न्यूरो-टॉक्सिन और दम घोंटू गैस है जिससे सिर्फ दस मिनट में शरीर शिथिल पड़ जाता है और मौत हो जाती है। इस गैस पर हुई स्टडी में इसे कैंसर और जेनेटिक म्यूटेशन का कारण भी बताया गया है।

गांव के लोगों ने बताया कि गैस का असर प्लांट के आसपास तीन से चार किमी इलाके में रहा। जो जहां था, वहीं गिर गया। गोपालपट्टनम सर्किल की पुलिस ने बताया कि उन्हें करीब 50 लोग सड़क पर बेहोश मिले। घटनास्थल तक पहुंचने में काफी दिक्कत हुई।

लम्बे समय तक प्रभाव
जो लोग स्टाइरीन की घातक चपेट में आने के बाद बच जाते हैं, उन्हें बाद में इसके विषैले प्रभावों के साथ जीना पड़ सकता है। न्यूरोटॉक्सिन होने कारण इसका तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव पड़ता है और यह सिरदर्द, थकान, कमजोरी और अवसाद, नर्वस सिस्टम की शिथिलता का कारण बन सकता है। इसके लम्बे प्रभाव के कारण हाथ और पैर जैसे सुन्नता, आंखों को नुकसान, सुनाई न देना और त्वचा पर डर्मीटाइटिस जैसी बीमारी देखने को मिलती है।

तुरंत उपचार

गैस के प्रभाव का इलाज करने का एकमात्र तरीका त्वचा और आंखों को पानी से धोना है और सांस के साथ अंदर जाने की स्थिति में तुरंत मेडिकल चिकित्सा शुरू करके ब्रीदिंग सपोर्ट पर जाना है।

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