लॉकडाउन में अंतिम संस्कार के लिए किया जा रहा है डिजिटल सेवाओं का उपयोग!

कोविड-19 से मरे व्यक्ति को दफनाते हुए लोग  कोविड-19 से मरे व्यक्ति को दफनाते हुए लोग

COVID-19 को फैलने से रोकने के उद्देश्य से भारत के लॉकडाउन प्रतिबंधों ने अंतिम संस्कार के दौरान लोगो, मुस्लिम मौलवियों, पुरोहितों और हिंदू पंडितों ने लाइव-स्ट्रीमिंग ऐप और वीडियो कॉल सेवाओं का उपयोग किया है।
जैसा कि लॉकडाउन के चलते अंतिम संस्कार में प्रशासन द्वारा 8-10 लोगों से अधिक लोगों एवं रिश्तेदारों को इकट्ठा होने की अनुमति नही दी है। साथ लॉकडाउन के चलते अंतिम संस्कार में लोग अपने रिश्तेदारों के घर नही जा पा रहे है। ऐसे समय में लाइव स्ट्रीमिंग एप्प और वीडियो कॉल जैसी सेवाओं के द्वारा अंतिम संस्कार में शामिल हो रहे है।
इम्तियाज हुसैन के पिता का पिछले सप्ताह निधन हो गया था, लेकिन उन्होंने एक न्यूज चैनल को बताया कि एक मुस्लिम धर्मगुरु प्रतिबंध के कारण व्यक्तिगत रूप से अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहा था।
केवल इम्तियाज और कई चचेरे भाई ने नई दिल्ली में परिवार के पैतृक कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार की प्रार्थना सभा में शामिल हो सकते हैं।
मौलवी ने प्रार्थनाओं को रिकॉर्ड किया और इम्तियाज के फोन पर व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा जो तब उसके पिता की कब्र के पास रिकॉर्ड किया गया था।
तुलनात्मक धर्मों के बारे में नई दिल्ली स्थित अनुसंधान कर्मी जसवंत कुमार ने एक न्यूज चैनल को बताया कि वर्तमान में महामारी के मद्देनजर कई धर्मों के एक अटूट दृष्टिकोण को कम से कम करने की आवश्यकता है।

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