रोम में राखबुध की धर्मविधि में प्राचीन ख्रीस्तियों की याद

राखबुध की धर्मविधि में संत पापा फ्राँसिस

रोम में राखबुध की धर्मविधि का अनुष्ठान संत पापा फ्राँसिस करेंगे। धर्मविधि की शुरूआत आज शाम 4.30 बजे, संत अनसेलेम गिरजाघर से एक प्रायश्चित जुलूस के द्वारा किया जाएगा। रोम के विश्वासियों की परम्परा के अनुसार संत अनसेलेम गिरजाघर चालीसा काल का पहला पड़ाव होगा।रोम के धर्माध्यक्ष संत पापा फ्राँसिस जुलूस के साथ संत सबीना गिरजाघर की ओर बढ़ेंगे, उनके साथ कार्डिनल, महाधर्माध्यक्ष, धर्माध्यक्ष, संत अंसेलेम के बेनेडिक्टाईन मठवासी, संत सबीना के दोमिनिकन पुरोहित और कुछ विश्वासी भाग लेंगे। जुलूस के अंत में ख्रीस्तयाग सम्पन्न किया जाएगा, जहाँ राख पर आशीष एवं माथे पर उसका विलेपन किया जाएगा।रोम धर्मप्रांत के धर्मविधि कार्यालय के निदेशक फादर जुसेप्पे मादिली ने उन स्थानों पर रूकने और प्रार्थना करने की रोम की परम्परा के बारे बतलाया, जहाँ शहीदों ने अपनी जान दी थी या उनके अवशेष रखे गये हैं। उन्होंने कहा, "एक गिरजाघर से दूसरे गिरजाघर जाते हुए शहर की सड़कों का भ्रमण करना, हमें रोम में प्राचीन समय में सह-नागरिकों के अस्तित्व, उनके विश्वास के निशानों को पढ़ने, उनके कलीसियाई जीवन, साक्ष्य देने की उनकी चाह जिसको उन्होंने लोगों के बीच जीया और उनकी पुकार को सुनने की याद करने में मदद देता है, जैसा कि धर्मप्रांत के इस साल के कार्यक्रम में अपील की गयी है।"राखबुध के दूसरे दिन 27 फरवरी को संत पापा फ्राँसिस संत जोन लातेरन महागिरजाघर जायेंगे जहाँ चालीसा काल के आरम्भ में रोम धर्मप्रांत के पुरोहितों के लिए प्रायश्चित की परम्परागत धर्मविधि पूरी करेंगे। कार्डिनल विकर अंजेलो दी दोनातिस द्वारा चिंतन दिये जाने के बाद पुरोहित पापस्वीकार संस्कार में भाग लेंगे। संत पापा भी पापस्वीकार संस्कार में भाग लेंगे।

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