यदि कुछ नहीं बदला तो स्वास्थ्यकर्मियों की मौत हजारों में

भारत के नर्सभारत के नर्स

नर्सों के लिए अंतरराष्ट्रीय समिति ने स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों के संक्रमण और मृत्यु दर की निगरानी पर सरकारों की विफलता के बारे में एक बयान जारी की है।
विगत बुधवार को नर्सों के लिए अंतरराष्ट्रीय समिति (आईसीएन) ने स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमण और मृत्यु दर को बेहतर ढंग से निगरानी करने और रिकॉर्ड करने के लिए सरकारों से अपील की थी। लिखा था कि उनकी असफलता के कारण अधिक लोगों की मृत्यु हो सकती है और जिनकी मौत हो गयी है उनको भी उचित सम्मान नहीं दिया जा सकता है।

हजारों नर्स संक्रमित
अपने वेबसाईट में प्रकाशित बयान में आईसीएन ने कहा है कि कोविड-19 से हजारों नर्स संक्रमित हुए हैं और सैंकड़ों मर चुके हैं। हालांकि, सरकार सही संख्या नहीं बता पा रही है कि कितने लोग मरे हैं क्योंकि उन्होंने आंकड़ा जमा नहीं किया है। इस तरह नर्सों के संक्रमण और मृत्यु की संख्या का सही आंकड़ा एकत्रित करने में ध्यान नहीं दिया गया है।

नर्सों के बीच कोविद -19 के कारण मौतों का अनुमान
पिछला महीना आईसीएन ने एक रिपोर्ट जारी किया था जिसमें विश्वभर के करीब 100 से अधिक नर्स कोविड-19 से मौत के शिकार हुए हैं। दूसरी ओर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट अनुसार 23,000 स्वास्थ्यकर्मी कोविड-19 से संक्रमित हैं।

आईसीएन मानती है कि इन दोनों स्रोतों द्वारा जारी रिपोर्ट हैरान करनेवाले हैं किन्तु ये आंकड़ा वास्तविक आंकड़ा से काफी कम होंगे।

आईसीएन ने राष्ट्रीय नर्स संगठन, सरकार के आंकड़े एवं मीडिया रिपोर्ट से एक जानाकारी प्राप्त की थी। आईसीएन का यह आंकड़ा 30 देशों का है। यह दर्शाता है कि, कोविड-19 के सभी पुष्ट मामलों के औसतन, 6% स्वास्थ्यकर्मियों में से हैं, जिनकी सीमा 0% से 18% है। अगर उस अनुपात को विश्व स्तर पर दोहराया गया, तो दुनिया भर में कोविड-19 के 3.5 मिलियन पुष्ट मामले 210,000 संक्रमित स्वास्थ्य कर्मचारियों की संख्या का आंकड़ा देंगे।

आंकड़ा की कमी का परिणाम
आईसीएन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हॉवर्ड कैटन ने चेतावनी दी है कि “नर्सों और अन्य स्वास्थ्य सेवा श्रमिकों के बीच संक्रमण और मौतों पर आधिकारिक आंकड़ों की कमी निंदनीय है। इस महामारी के लिए पीपीई की कमी और तैयारी की कमी के कारण नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों को अधिक जोखिम में डाल दिया गया है। नतीजतन, हमने संक्रमण दर देखी है और, दुखद रूप से, मौतें दिन प्रतिदिन बढ़ रही हैं। इस जानकारी को एक सुसंगत तरीके से एकत्र करने में सरकारों की विफलता का मतलब है कि हमारे पास ऐसा डेटा नहीं है जो विज्ञान को जोड़ सके, जो संक्रमण नियंत्रण और रोकथाम के उपायों में सुधार कर सके और अन्य स्वास्थ्य सेवा श्रमिकों के जीवन को बचा सके।"

उन्होंने कहा कि यदि सरकारें इस पर कार्रवाई करने में विफल रहती हैं, तो मुझे डर है कि हम इस महामारी को वापस देखेंगे और हमारे नर्सों के मौत की गिनती हजारों में होगी।

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