माऊंट कार्मेल की माता मरियम का पर्व

कल 16 जुलाई को माऊंट कार्मेल की माता मरियम के पर्व के उपलक्ष्य में पोप फ्राँसिस ने कार्मेल की माता मरियम से प्रार्थना करते हुए विश्वासियों को पड़ोसी प्रेम में बढ़ने का प्रोत्साहन दिया।
पोप फ्राँसिस ने अपने संदेश में लिखा, "कार्मेल पर्वत की माता मरियम हमारी माँ, हमें निर्दोष हाथ एवं शुद्ध हृदय प्राप्त करने तथा पड़ोसियों से झूठ नहीं बोलने अथवा उनकी बुराई नहीं करने में मदद दे ताकि हम प्रभु के पर्वत पर चढ़ सकेंगे और उनकी आशीष, न्याय एवं मुक्ति प्राप्त करेंगे।"

कार्मेल पर्वत का जिक्र राजाओं के पहले ग्रंथ में किया गया है जहाँ नबी एलियाह ने बाल देवता के साढ़े चार सौ नबियों को चुनौती दी थी और जीवन्त ईश्वर पर इस्राएलियों के विश्वास को पुनः जागृत किया था।

धन्य कुँवारी मरियम का दिव्य दर्शन
कार्मेलाईट ऑर्डर की परम्परा के अनुसार 16 जुलाई सन् 1251 को संत सिमोन स्टॉक जो एक कार्मेलाईट था, धन्य कुँवारी मरियम का दिव्य दर्शन हुआ था।

इंगलैंड से पवित्र भूमि की तीर्थयात्रा के दौरान वह कार्मेलाईट बन गया था। कहा जाता है कि तीर्थयात्रा से वापस लौटने पर उन्हें एक दिव्य दर्शन प्राप्त हुआ जिसमें धन्य कुँवारी मरियम ने उनके लिए कार्मेल पर्वत का स्कापुलर प्रस्तुत करते हुए कहा था, "मेरे प्रिय पुत्र अपने ऑर्डर के स्कापुलर को ग्रहण करो, यह मेरे विशेष अनुग्रह का चिन्ह है जिसको मैंने तुम्हारे लिए प्राप्त किया है। जो इस स्कापुलर को पहनते हुए मरेगा वह अनन्त आग से बच जाएगा। यह मुक्ति का बैज, खतरे के समय सुरक्षा कवच तथा शांति एवं सुरक्षा की प्रतिज्ञा है।"    

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