पोप ने की डिजिटल जगत में बाल शोषण रोकने हेतु ठोस प्रयास की अपील

"डिजिटल जगत में बाल प्रतिष्ठा" पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिभागियों से मुलाकात करते संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार 14 नवम्बर को वाटिकन के क्लेमेंटीन सभागार में "डिजिटल जगत में बाल प्रतिष्ठा" पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिभागियों से मुलाकात की तथा उनसे बच्चों पर हो रहे शोषण को रोकने की अपील की।संत पापा ने पिछली बार की मुलाकात में दिये संदेश को दोहराया जिसमें उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया था कि डिजिटल जगत में बाल प्रतिष्ठा की रक्षा अधिक प्रभावशाली ढंग से किया जाए।संत पापा ने खुशी व्यक्त की कि इस रास्ते को नये प्रयासों के साथ जारी रखा गया है जिसमें खासकर, एक साल पहले अबू धाबी में अंतरधार्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा, "हाल के दशकों में दुःखद एवं त्रासदीपूर्ण अनुभवों के कारण काथलिक कलीसिया नाबालिगों पर यौन दुराचार के गहरे प्रभाव से पूरी तरह सचेत है। इसके कारण पीड़ा और घावों से चंगाई, अपराध से संघर्ष तथा इसे दूर करने के प्रभावशाली उपायों को अपनाये जाने की आवश्यकता महसूस की है। अतः कलीसिया इन मुद्दों पर दीर्घकालिक दृष्टि रखना अपना कर्तव्य समझती है।जब हम उन गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं जो संचार एवं सूचना तकनीकी के आश्चर्यजनक विकास के कारण मानव परिवार के भविष्य के लिए खतरनाक है। निसंदेह डिजिटल जगत में नई तकनीकी में विकास ने नाबालिगों के लिए उनकी शिक्षा एवं व्यक्तिगत विकास के लिए महान अवसर प्रदान किया है। यह ज्ञान को विस्तार रूप से बांटने में मदद करता है आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है और स्वास्थ्य सेवा के साथ-साथ कई अन्य क्षेत्रों में कई संभवनाएँ उपलब्ध करता है। नई तकनीकियाँ नई क्षितिज को खोलती हैं, खासकर, गरीब एवं औद्योगिक क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों के लिए।फिर भी हमारे सामने चुनौतियाँ हैं कि बच्चों को इन तकनीकियों की किस तरह सुरक्षित सुविधा उपलब्ध की जाए, साथ ही साथ उनके स्वास्थ्य, सतत् विकास और अस्वीकार्य आपराधिक हिंसा से रक्षा अथवा उनके शरीर एवं आत्मा की पवित्रता को हानि से बचाया जाए।संत पापा ने प्रतिभागियों से कहा कि हमें हिंसा और बच्चों पर हो रहे हर प्रकार के शोषण को पृथ्वी तल से मिटाना होगा। हम बच्चों की आँखों में नजर डालें, वे हमारे बच्चे हैं हमें उन्हें ईश्वर की संतान की तरह प्यार करना है। उन्हें भी एक अच्छे जीवन का अधिकार है और हमारा कर्तव्य है कि हम उन्हें इसे प्रदान करने के लिए हरसंभव प्रयास करें।

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