परमधर्मपीठ की ओर से लेबनान की विशेष सहायता

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संत पापा फ्राँसिस ने लेबनान के युवाओं की शिक्षा का समर्थन किया है, जो गंभीर संकट, पीड़ा एवं गरीबी के कारण, भविष्य की आशा खोने की जोखिमों का सामना कर रहे हैं।संत पापा फ्राँसिस ने इन महीनों में पितृतुल्य स्नेह के साथ लेबनान की स्थिति पर गौर किया है।

बृहस्पतिवार को वाटिकन प्रेस कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बतलाया गया है कि संत पापा ने लेबनान के 400 छात्रवृत्ति को मदद करने के लिए 2 लाख डॉलर प्रदान करने की घोषणा की है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि "देवदार का देश, लेबनान" अपने इस शताब्दी वर्ष में एक गंभीर संकट में है, जिससे दुःख, गरीबी और जोखिम उत्पन्न हो रहे हैं एवं लोगों में उम्मीदें घट रहे हैं, खासकर, युवा पीढ़ी में जो अपने वर्तमान को थका हुआ और भविष्य को अनिश्चित पाते हैं।

इस पृष्टभूमि पर, लेबनान के पुत्र-पुत्रियों के लिए शिक्षा प्राप्त करना कठिन होता जा रहा है जिसको छोटे शहरों में कलीसियाई संस्थाओं द्वारा सुनिश्चित की जाती है। 

अपने ठोस सामीप्य के रूप में संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन राज्य सचिवालय एवं पूर्वी कलीसियाओं के लिए गठित धर्मसंघ के माध्यम से 2,00,000 यूएस डॉलर, 400 छात्रवृति को सहायता प्रदान करने के लिए भेजने की घोषणा की है।

यह व्यवधान, सीईसी इमरजेंसी फंड (पूर्वी कलीसियाओं के लिए गठित परमधर्मपीठीय धर्मसंघ) को योगदान देता है जिसको हाल के दिनों में कोविड -19 महामारी से जुड़े आपातकाल से निपटने के लिए किया गया है।

संत पापा ने कहा, "ईश्वर की माता जो हरिस्सा पर्वत से लेबनान पर दृष्टि डालती हैं देवदार के देश के संतों के साथ लेबनान के लोगों की रक्षा करें।"

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