तमिलनाडु में वेलांकनी की ओर जाते तीर्थयात्रियों पर हमला

फ्राँस के लूर्द नगर में 14 अगस्त को मरियम तीर्थयात्रा,

तमिलनाडु राज्य पुलिस ने एक कट्टरपंथी हिंदू समूह के छह संदिग्ध सदस्यों को 40 काथलिक तीर्थयात्रियों पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। ये तीर्थयात्री वेलंकन्नानी शहर स्थित मरियम तीर्थस्थल की ओर 450 किलोमीटर की तीर्थयात्रा में भाग ले रहे थे।

वेल्लोर ज़िले के पुलिस इन्सपेक्टर सान्तालिंगम के अनुसार, हमलावरों पर आरोप है कि 18 अगस्त को एक सार्वजनिक मार्ग पर रोक कर हमलावरों ने तीर्थयात्रियों पिटाई की थी तथा उनके साथ दुर्व्यवहार किया था। इन्सपेक्टर ने बताया कि तीर्थयात्रियों द्वारा एक हाथगाड़ी में ले जाई जा रही मरियम प्रतिमा भी हमले में नष्ट हो गई।

छह संदिग्धों को हिरासत में भेज दिया गया है तथा पुलिस मामले की जाँच कर रही है। संदिग्धों को हत्या की कोशिश, दंगा-फसाद मचाने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और धार्मिक शांति को नष्ट करने के आरोपों का सामना करना पड़ सकता है।

तमिलनाडु के काथलिक धर्माध्यक्षीय मंच के धर्माधिकारियों ने कहा कि सौ वर्षों से अधिक समय से प्रतिवर्ष वेलांकनी तक तीर्थयात्राओं का आयोजन होता रहा है। तीर्थयात्री आठ सितम्बर को होने वाले मरियम जयन्ती महापर्व के उपलक्ष्य में नौ दिन तक नौरोज़ी प्रार्थनाओं में भाग लेते हैं।

बैंगलोर महाधर्मप्रान्त में संप्रेषण और संचार माध्यम केन्द्र के निर्देशक फादर सिरिल विक्टर जोसफ ने कहा, "हमला, अभिव्यक्ति की संवैधानिक स्वतंत्रता तथा नागरिकों के स्वतंत्र आवागमन के विरुद्ध एक महान ख़तरा है।"

उन्होंने कहा, "इस तरह के हमले शांति और सद्भाव के लिए और विशेषकर, विभिन्न धार्मिक समूहों के लोगों के बीच एक गम्भीर ख़तरा है। हालाँकि यह हमला एक छोटे समूह पर था, तथापि, संदेश सभी ईसाइयों के लिए है। यह सार्वजनिक अभिव्यक्ति और हमारे धर्मपालन एवं विश्वास के खिलाफ एक महान ख़तरा था।"

इसी बीच, तमिलनाडु के धर्माध्यक्षीय संघ के उपसचिव फादर सहायराज ने कहा, “एक सदी से भी अधिक समय से सभी धर्मों के लोग वेलंकन्नी में मरियम तीर्थ पर श्रद्धार्पण के लिये एकत्र होते रहे हैं। यह एक शांतिपूर्ण घटना हुआ करती थी।" उन्होंने कहा, "हिंसा के ऐसे कार्य लोगों में सिर्फ नफ़रत के बीज फैला सकते हैं।"

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