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तनाव के कारण सीने में दर्द, झुनझुनी और कब्ज को कोरोना के लक्षण न समझें, एक्सपर्ट्स बता रहे हैं कि कैसे इन परेशानियों से पाएं निजात
कोरोनावायरस महामारी के बीच हम हमारे शरीर में कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इसमें पेट-आंत की परेशानियां, झुनझुनी आना या त्वचा संबंधी रोग शामिल हैं। लोग इसे कोविड-19 के लक्षण मान रहे हैं। डब्ल्युवीयू मेडिसिन के लिए साइकेट्री की सेक्शन चीफ और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर टोनी गूडीकूंट्ज बताती हैं कि व्यस्क सरदर्द, थकान और अच्छा महसूस नहीं होने की शिकायत कर रहे हैं। इनमें से कुछ मरीज यह सोचना शुरू कर देते हैं कि उनके अंदर वायरस है, लेकिन कई लोगों को यह पहचानने में परेशानी होती है कि इसका कारण तनाव है।
पेन मेडिसिन ऑन डिमांड वर्चुअल केयर की मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर क्रिस्दा चयाचती कहती हैं कि उन्होंने सीने में दर्द, झुनझुनी और पेट की परेशानियां देखी हैं। यह सब परेशानियों का कारण मानसिक तनाव भी हो सकता है। लेकिन जब कोविड-19 शरीर पर कैसे असर डालता है इस बात की जानकारी पूरी नहीं है तो मरीजों का चिंता करना भी गलत नहीं है।
अगर कुछ असामान्य लगे तो मेडिकल हेल्प लें-
डॉक्टर गूडीकूंट्ज कहते हैं कि ऐसे शारीरिक एहसास हमें सचेत करने वाले भी हो सकते हैं। खासतौर से उनके लिए जिन्हें आमतौर पर सरदर्द या सीने में दर्द नहीं होता है। भले ही यह साइकोसोमैटिक हो, इसका मतलब यह नहीं है कि दर्द नहीं है। याद रखें अगर आपको लगता है कि एमरजेंसी है या लक्षण नए और खतरनाक हैं, तो मेडिकल की मदद लें।
हो सकता है आपका ब्लड फ्लो बदल रहा हो
दर्दनाक हादसे हमारे शरीर पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं। ऑक्सरफोर्ड में राइट ट्रैक मेडिकल ग्रुप के लिए मेडिकल डायरेक्टर और ऑस्टियोपैथिक साइकेट्रिस्ट डॉक्टर कैथरीन पैनल कहती हैं कि जब हम तनाव और घबराहट महसूस करने लगते हैं तो यह हमारे शरीर में केमिकल और हॉर्मोन भेज देता है।
तनाव के वक्त शरीर एपिनेफ्रिन (एड्रेनेलिन) बनाता और छोड़ता है। डॉक्टर पैनल के मुताबिक हमारा शरीर इसे प्राप्त करता है और खून को जीने के लिए जरूरी अंगों जैसे- दिमाग और दिल तक भेजता है।
उंगलियों के टिप्स पर झुनझुनी आना स्ट्रोक का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा यह झुनझुनी इस बात का संकेत भी हो सकती है कि खून खींचे जाने के बाद सामान्य रूप से बह रहा है। यही चीज फिर से होती है जब आपका पैर या हाथ सुन्न पड़ जाता है। क्योंकि आप गलत पॉश्चर में बैठे या सो गए थे। यह ब्लड फ्लों इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है। या इसके साइकोलॉजिकल फैक्टर्स के कारण होने की ज्यादा संभावनाएं हैं।
आपका पेट ठीक से काम नहीं कर रहा
डॉक्टर गूडीकूंट्ज कहते हैं कि याद करो कि आखिरी बार आपने बड़ा टेस्ट कब दिया था। आप पेट से बीमार महसूस कर सकते हैं। हो सकता है कि आपको पसीना आए और चुभन महसूस हो। हमारा शरीर तनाव के दौरान दिमाग से काफी मेल खाता है।
2013 में सिंगापुर, अमेरिका और स्विट्जरलैंड के शोधकर्ताओं ने सिंगापुर आर्म्ड फोर्सेज के लिए 6 हफ्तों तक कॉम्बेट ट्रैनिंग कर रहे 37 पुरुषों को स्टडी किया। उन्होंने पाया कि ट्रेनिंग से भारी तनाव, घबराहट, चिंता, डिप्रैशन और गैस्ट्रोइंटस्टिनल (पेट-आंत) संबंधी परेशानियां हुईं। नेवादा यूनिवर्सिटी में एसोसिएट डीन ऑफ क्लीनिकल रिसर्च और पब्लिक हेल्थ के डॉक्टर मार्क एस रिडल स्टडी के रिजल्ट और अभी के हालातों में समानता देखते हैं।
डॉक्टर रिडल बताते हैं कि घर से काम करने वाले लोगों की डाइट में फर्क आया है। इससे गैस्ट्रोइंटस्टिनल परेशानियां होने की संभावनाएं अधिक हैं। खाने में कोई भी बदलाव पचाने के तरीके में परेशानी का कारण बन सकता है। इसमें उल्टी का मन, ऐंठन और दस्त शामिल हैं। अगर आप कम एक्सरसाइज कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि आपको बाउल्स सामान्य तरीके से काम नहीं कर रहे हैं। जिसकी वजह से कब्ज होती है।
चूंकि लक्षण समान हैं, इसलिए सबसे अच्छा तरीका है कि अगर आपके पेट में परेशानियां तनाव, डाइट या एक्सरसाइज में बदलाव के कारण हो रही हैं तो डॉक्टर को बुलाएं या बदलाव की समीक्षा करें। याद रखें डाइट में बेहतर बदलाव भी पाचन क्रिया को बदल सकते हैं।
हाथ धोने और तनाव से त्वचा को हो रही परेशानी
यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा मेडिकल स्कूल में डर्मेटोलॉजी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर रोंडा एस फराह बताती हैं कि जिन लोगों को पहले एग्जीमा, सोराइसिस और मुहांसों से जूझ रहे थे, वे अभी परेशानियां अनुभव कर रहे हैं। ऐसा आमतौर पर तनाव के कारण हमारे शरीर में हुए हार्मोनल बदलाव के कारण होता है।
लेकिन जो लोग इन बीमारियों से नहीं जूझ रहे थे, उन्हें भी रैशेज होने लगे हैं। यह एक तरह का एग्जीमा है, जिसे डर्माटाइटिस कहा जाता है। जरूरी नहीं है कि यह जैनेटिक्स के कारण हों, यह बाहर के कारणों से भी होता है।
अंगूठियों के नीचे की त्वचा में खतरा हो सकता है। डॉक्टर फराह बताती हैं कि धुलाई के दौरान स्किन गीली हो जाती है, लेकिन रिंग को सूखने के दौरान निकाला नहीं जाता। इससे अंदर हुए रैशेज में खुजली हो सकती है। साथ ही ये स्किन में जगह छोड़ देते हैं, जहां संक्रमण का खतरा हो सकता है।
डॉक्टर फराह टेलोजेन एफ्लूवियम का मामले भी देख रही हैं। इसमें बाल झड़ते हैं, जिसका सामान्य कारण तनाव या दर्दभरी घटना होती है। लोगों को लगता है कि बाल झड़ना उनके स्वास्थ्य की निशानी है, जो कि हो सकती है।
फिजिशियन की मदद लें
अगर आप यह पता नहीं कर पा रहे हैं कि आप जो महसूस कर रहे हैं, इसका कारण तनाव या कुछ और है। इसके लिए आप फिजिशियन की मदद लें। एक फिजिशियन आपको तनाव से निपटने के लिए गाइड कर सकता है। अगर उन्हें लगता है कि यह लक्षण तनाव के कारण हैं।
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