कोविद-19 पर सामाजिक विज्ञान सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति

कोरोना वायरस के दिनों में चीन के वुहान का रेलवे स्टेशन कोरोना वायरस के दिनों में चीन के वुहान का रेलवे स्टेशन

विश्व भर में फैलते कोविद-19 महामारी के प्रकोप की पृष्ठभूमि में वाटिकन की सामाजिक विज्ञान सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समति ने एक वकतव्य जारी कर प्रारम्भिक कार्यवाहियों एवं शुरुआती प्रतिक्रियाओं को मजबूत करने तथा सभी राष्ट्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने की अनिवार्यता पर बल दिया है।
 विश्व भर में फैलते कोविद-19 महामारी के प्रकोप की पृष्ठभूमि में वाटिकन की सामाजिक विज्ञान सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समति ने एक वकतव्य जारी कर प्रारम्भिक कार्यवाहियों एवं शुरुआती प्रतिक्रियाओं को मजबूत करने तथा सभी राष्ट्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने की अनिवार्यता पर बल दिया है।
गुरुवार को प्रकाशित वकतव्य में वाटिकन की उक्त समिति ने इस आपातकालीन स्थिति में कार्यरत चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों के कठिन श्रम की सराहना की किन्तु कहा कि भविष्य में हमें राजनीतिक और स्वास्थ्य देखभाल दोनों मोर्चों पर बेहतर समन्वय तथा तत्काल प्रयासों की आवश्यकता है। इस महामारी से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित लोगों के प्रति परमधर्मपीठीय समिति ने हार्दिक संवेदना व्यक्त की तथा स्थिति के बेहतर होने की मंगलकामना की।

कोविद से पाठ सीखा जाये
इस तथ्य के प्रति ध्यान आकर्षित कराते हुए कि कुछ माहों पूर्व विश्व को इस महामारी की चेतावनी दी गई थी किन्तु इसके बावजूद इस चुनौती का सामना करने के लिये पर्याप्त उपाय नहीं किये गये, समिति ने कहा कि इस गम्भीर स्थिति से पाठ सीखा जाना चाहिये तथा भविष्य में  पारदर्शिता, समन्वय और एकजुटता के साथ कठिन स्थितियों का सामना करने के लिये तैयार रहा जाना चाहिये।    
फैलती महामारी पर रोक लगाने का आह्वान करते हुए समिति ने कहा कि हम इस बात पर बल देते हैं कि इस महामारी के निरंतर प्रसार से निपटने के लिए हर देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को तुरंत शुरू किया जाना चाहिए। बड़े पैमाने पर परीक्षण की आवश्यकता को मान्यता दी जानी चाहिए, कोरोना वायरस से ग्रस्त लोगों को उपयुक्त उपचार प्रदान किया जाना चाहिये तथा उनके निकट सम्पर्क में रहनेवालों को अलगाव की हर सुविधा प्रदान की जानी चाहिये। 
अप्रमाणित धारणाओं का बहिष्कार
समिति ने इस बात पर गहन खेद व्यक्त किया कि सरकारें, सार्वजनिक संस्थान, वैज्ञानिक समुदाय तथा सामाजिक सम्प्रेषण माध्यम सहित मीडिया जिम्मेदार, पारदर्शी तथा समय पर चेतावनी देने एवं समाचार सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं, जो उचित कार्रवाई के लिए महत्वपूर्ण था। वकतव्य में कहा गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र संघीय बाल निधि जैसे अंतराष्ट्रीय संगठनों, विज्ञान सम्बन्धी अकादमियों को उनके संचार प्रयासों में सशक्त करने की नितान्त आवश्यकता है ताकि वैज्ञानिक साक्ष्यों पर आधारित प्रामाणिक जानकारी, इस समय सम्पूर्ण विश्व में फैल रही अप्रमाणित धारणाओं एवं फिज़ूल के कोलाहल से ऊपर उठ सके।

संचार तकनीकियाँ बेहतर बनाई जायें
नागर समाज को उपयुक्त रूप से सशक्त करने की अनिवार्यता पर समिति ने बल दिया इसलिये कि वर्तमान ख़तरों से निपटने के लिये न केवल वैश्विक सहयोग की, बल्कि उन कार्यों को भी वितरित किये जाने आवश्यकता है जो केवल स्थानीय समुदायों द्वारा संतोषजनक रूप से किए जा सकते हैं। इस तथ्य को दृष्टिगत रख कि इस महामारी में व्यक्तिगत आमने-सामने का संपर्क असंभव है, समिति ने संचार तकनीकियों को बेहतर बनाने का आह्वान किया।

अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की समिति ने आह्वान किया कि इतिहास के इस कठिन दौर में वह उन राष्ट्रों पर अधिक ध्यान दे जिनके पास इस महामारी का सामना करने के लिये उपयुक्त चिकित्सा, स्वास्थ्य सम्बन्धी संसाधन और सुविधा नहीं है। समिति ने कहा कि कोविद-19 महामारी हमें सिखाती है कि बिना एकात्मता के स्वतंत्रता एवं समानता खोखले शब्द मात्र हैं।

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