कोविद के दौर में पटना के येसु धर्मसमाजी द्वारा निर्धनों की सेवा

बिहार के प्रवासी मज़दूर रेलवे स्टेशन की ओर, तस्वीरबिहार के प्रवासी मज़दूर रेलवे स्टेशन की ओर, तस्वीर

पटना के येसु धर्मसमाजी पुरोहित, कोविद महामारी के प्रसार को रोकने के लिये लागू लॉक डाऊन की स्थिति में, सैकड़ों निर्धनों एवं दलितों को प्राथमिक आवश्यकता सम्बन्धी सामग्री पहुँचाने का नेक काम कर रहे हैं।

निर्धन दलितों की मदद
बिहार की राजधानी पटना में सेवारत "मन्थन" नामक समाज सेवा केन्द्र के अध्यक्ष येसु धर्मसमाजी पुरोहित फादर जूनो सेबास्तियान ने ऊका समाचार को बताया कि उनका धर्मसमाज एक सरकारी संस्था के साथ मिलकर स्थानीय मूसहर दलित समुदाय के लोगों की सहायता कर रहा है। फादर जूनो ने बताया कि कोविद महामारी के प्रसार को रोकने के लिये लगाये गये प्रतिबन्धों के बाद मूसहर समुदाय के लोग भुकमरी के शिकार हो रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले से इन लोगों के पास कोई भू सम्पत्ति नहीं है जिसपर ये खेती कर सकें, ये अशिक्षित हैं तथा कुपोषण से पीड़ित हैं तथा कोविद महामारी के फैलने के बाद से इनकी स्थिति बदत्तर हो गई है।  

फादर जूनो ने बताया कि उनके केन्द्र ने अब तक निर्धनों में पाँच हज़ार से अधिक भोजन के पैकेट्स वितरित किये हैं। इस समय लगभग एक हज़ार लोगों को प्रतिदिन भोजन कराया जा रहा है तथा यह सेवा प्रतिबन्धों के पूर्णतः समाप्त होने तक जारी रहेगी।  

पहचान पत्र रहित लोग
पटना में येसु धर्मसमाज के प्रान्ताध्यक्ष फादन डॉनल्ड मिरान्दा ने बताया कि उक्त परियोजना, समग्र रूप से, लगभग 6 हजार लोगों के लिए निर्धारित की गई है,  इसके तहत लगभग 6,500 मुसहर परिवारों को भोजन मुहैया कराया जा रहा है तथा साथ ही झुग्गी-झोपड़ियों और आस-पास के उन गांवों में भी भोजन वितरित किया जा रहा है। अब तक सात सौ परिवारों को भोजन सामग्री पहुँचा दी गई है किन्तु उनकी योजना प्रतिदिन तीन हज़ार लोगों तक पहुँचने की है। उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में बिहार की सीमा से लगे उत्तर प्रदेश के गाँवों में भी खाद्य सामग्री पहुँचाई जायेगी।

फादर मिरान्दा ने बताया कि अधिकांश दलितों के पास आधार कार्ड आदि दस्तावेज़ नहीं हैं इसलिये वे सरकारी मदद से वंचित रह जाते हैं, इसी को ध्यान में रखकर उनके धर्मसमाज ने उक्त परियोजना आरम्भ की है।  

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