कोविड-19 संक्रमण, ऑर्डर ऑफ माल्टा द्वारा दुर्बलों की सहायता

दक्षिण अफ्रीका में ऑर्डर ऑफ माल्टा के सदस्य दक्षिण अफ्रीका में ऑर्डर ऑफ माल्टा के सदस्य

ऑर्डर ऑफ माल्टा की दक्षिण अफ्रीकी शाखा, कोरोना वायरस महामारी के बीच, अपने घरों में अकेले पड़े कमजोर लोगों को एवं सरकार की सहायता तक पहुँच पाने में असमर्थ सैंकड़ों लोगों की मदद भोजन प्रदान करने के द्वारा कर रही हैं।यूरोप के अधिकांश देश जहाँ संक्रमण में कमी आने के कारण कोविड-19 से लगे प्रतिबंधों को खोल रहे हैं वहीँ दक्षिणी अफ्रीका में अधिकारी चेतावनी दे रहे हैं कि देश में कोरोना वायरस के कारण स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है। कोविद -19 से अब तक देश ने आधिकारिक तौर पर 24,000 से अधिक संक्रमण दर्ज किए हैं और 500 से अधिक मौतें हुई हैं।

राष्ट्रपति रमाफोसा ने कहा कि इस सप्ताह लाखों गरीब लोगों पर इसके आर्थिक परिणामों के कारण वर्तमान तालाबंदी अनिश्चित काल तक जारी नहीं रह सकती है, और उन्होंने घोषणा की कि 1 जून से कुछ प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे।

लॉकडाउन के प्रभावों के कारण, एचआईवी-एड्स रोगियों और गरीब लोगों की देखभाल माल्टा की दक्षिण अफ्रीकी शाखा कर रही है।

मंदेनी में धन्य जेरार्ड बंधुत्व के संस्थापक और अध्यक्ष फादर जेरार्ड लाग्लेडर ओएबी ने वाटिकन की पत्रकार लिंडा बोरदोनी को बतलाया वे कई लोगों को भुखमरी के कगार पर देख रहे हैं जबकि कोविद -19 संक्रमण की संख्या में वृद्धि जारी है।

उन्होंने कहा कि मंदेनी में धन्य जेरार्ड बंधुत्व के सदस्यों एवं स्वयंसेवकों के समर्पण से कई गरीब, एचआईवी-एड्स से पीड़ित लोगों को दवा और भोजन प्रदान किया जा रहा है। संस्था द्वारा अनाथालय, वृद्धाश्रम और कुपोषण के शिकार बच्चों के लिए क्लीनिक चलाया जाता है।

संगठन के मिशन के केंद्र में लोगों को खुद को सक्षम और सशक्त बनाने में मदद करना है। इसका दूसरा उद्देश्य है आपातकाल की स्थिति में प्रत्यक्ष सहायता प्रदान करना, जिसको संगठन अभी कर रहा है क्योंकि महामारी, गंभीर हाशिए पर जीवन यापनकरने वाले लोगों, सामाजिक तनाव और अत्यधिक गरीब लोगों को अधिक प्रभावित कर रही है।

गरीबों पर लॉकडाउन का प्रभाव
तालाबंदी का उपाय अपने आप में अच्छा है किन्तु समस्या यह है कि लोग अभी भूखे हैं विशेषकर, जो लोग अनौपचारिक बस्तियोँ में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे अत्यन्त गरीब लोगों की मदद कर रहे हैं जिनमें से कुछ लोग एड्स से पीड़ित हैं और कुछ लोग सामाजिक सेवा की पहुँच से वंचित हैं।  

फादर जेरार्ड ने स्वीकार किया है कि सरकार भोजन वितरण करने में बहुत अधिक काम कर रही है किन्तु उनको पाने में कई घंटों तक लाईन में रहना पड़ता है।

उन्होंने कहा, "घर में बेड पर पड़े मरीज और एड्स की बीमारी से पीड़ित लोग इतने मजबूत नहीं होते कि वे लाईन में लम्बे समय तक खड़े रह सकें। संगठन के सदस्य होम केयर मरीजों, एड्स के शिकार लोगों और घर में पड़े कमजोर लोगों की मदद कर रहे हैं।"
 

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