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कोरोना वायरस के कारण ताला बंदी में फंसे लोगों की मदद करती कलीसिया
कोरोना वायरस (कोविड-19) वैश्विक महामारी के कारण लॉक डाऊन ने भारत के लाखों गरीब तिहाड़ी मजदूरों को बेघर और भूखे रहने के लिए मजबूर कर दिया है जिनकी मदद झारखंड की काथलिक कलीसिया बड़ी उदारता से कर रही है।कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने हेतु भारत सरकार ने 24 मार्च से लॉक डाऊन की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद बस पड़ावों में लाखों लोगों की भीड़ देखी गई थी। ताला बंदी के कारण फैक्ट्रियाँ बंद कर दी गई हैं जिससे घर से दूर शहरों में जाकर काम करने वाले मजदूर न तो घर लौट पा रहे हैं और न ही उनके पास खाने के लिए कुछ हैं। झारखंड में ऐसी स्थिति को देखते हुए जिला अधिकारी ने ताला बंदी में फंसे लोगों की मदद करने हेतु राँची के महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो येसु समाजी से मदद की मांग की थी। उनके इस मांग का सकारात्मक उत्तर देते हुए राँची में विभिन्न धर्मसमाजी समुदायों द्वारा 12 केंद्र स्थापित किये गये हैं।
राँची में फंसे गरीब लोगों की मदद के लिए बनी समिति की सदस्य सिस्टर सोसन बड़ा डीएसए ने जानकारी दी कि राँची के विभिन्न जगहों में 12 केंद्र स्थापित किये गये हैं। हरेक केंद्र में करीब 200 लोगों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था की गयी है। उन केंद्रों में मूरी के उर्सुलाईन उच्च विद्यालय में स्थापित केंद्र, शरणार्थियों का स्वागत करने में प्रथम है जिसमें 46 आतिथि आ चुके हैं। इस केंद्र की देखभाल उर्सुलाईन की धर्मबहनें कर रही हैं। शरण लिए हुए सभी लोगों की जाँच कर ली गई है और उनमें से किसी में कोविड -19 संक्रमण नहीं पाया गया है। यातायात के साधन नहीं होने के कारण उन्होंने करीब 65 से 70 किलो मीटर की दूरी पैदल तय की है। उर्सुलाईन धर्मबहनों ने भोजन और शरण स्थान के साथ हरेक को चट्टाई, दो तावल, दो बेड शीट, प्लेट ग्लास, कम्बल, मग, मास्क और सनिटाईजर प्रदान किया है। राँची के सहायक धर्माध्यक्ष थेओदोर मास्करेनहास एस.एफ.एक्स एवं राँची जेस्विट प्रोविंशल फादर जोसेफ मरियानुस ने 4 अप्रैल को शरणस्थान का दौरा कर लोगों से मुलाकात की।
हजारीबाग धर्मप्रांत ने भी कोरोना वायरस के कारण ताला बंदी की मार झेल रहे लोगों की मदद हेतु अपनी उदारता दिखाई है। हजारीबाग धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष आनन्द जोजो ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा, “कोरोना वायरस कोविड-19 वैश्विक महामारी में जो ल़क डाऊन हुआ है जिसमें सबसे ज्यादा परेशानी और भुखमरी का शिकार गरीब तिहाड़ी मजदूर हो रहे हैं। इसका ध्यान रखते हुए विशप हाऊस और जन विकास केंद्र के संयुक्त तत्वधान से खाद्य पदार्थ का वितरण किया गया। वितरण किये गये खाद्य पदार्थों में हरेक को छः किलो चावल, एक किलो दाल, एक किलो चना, एक किलो आलू, एक किलो प्याज दिया गया जो एक परिवार के लिए एक सप्ताह का राशन होगा।”
कोरोना वायरस से भारत में कुल 3,082 लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि 86 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण से बचने के लिए सरकार ने 14 अप्रैल तक ताला बंदी का एलान किया है।
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