कोरोना निवारक दवाई से अस्पताल पहुँचा आंध्रप्रदेश का परिवार

प्रतीकात्मक तस्वीरप्रतीकात्मक तस्वीर

महामारी के इस संकटकाल में पूरी दुनिया वैक्सिन की खोज में लगी है। कोरोना वायरस से बचने के लिए लोग तरह तरह के उपाय अपना रहे हैं। सोशल मीडिया में कई प्रकार की दवाइयाँ बतलायी जाती हैं जिनको बिना जाने सेवन करने से स्वस्थ पर बुरा असर पड़ सकता है।

इसी प्रकार की घटना आंध्रप्रदेश में देखने को मिली। आंध्रप्रदेश के एक परिवार ने कोविड-19 की दवाई समझकर एक जूस का सेवन किया जिससे परिवार के सभी लोगों की सेहत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है।

प्रकासम जिला के पल्लामाल्ली गाँव के एक परिवार ने सोशल मीडिया (टिकटोक) से जानकारी प्राप्त की कि धतुरा के बीज से बने जूस को पीने से कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है। उन्होंने 16 मई को जूस पीया और बीमार पड़ गये। उनकी स्थिति अब बेहतर है।

मैटर्स इंडिया के अनुसार 52 वर्षीय कंतलाम ने टिकटोक पर एक विडियो देखी थी जिसमें दिखाया गया था कि धतुरा का बीज वायरस निवारक है, खासकर, बुजूर्गों एवं बच्चों के लिए। उसके बाद उन्होंने बीज जमा किया, उसे पीसा और जूस तैयार किया।

16 मई को चारों ने नास्ता के पहले उसे पिया। पीने के तुरन्त बाद उन्हें उलटी और चक्र आने लगा। उनके पड़ोसियों ने उन्हें एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया है।

डॉ. वेंकातेश्वर राओ जिन्होंने उनकी चिकित्सा की, उन्होंने कहा, चारों का स्वस्थ स्थिर है। उन्हें उल्टी और चक्र आ रहा था।

उन्होंने कहा, "हमें बतलाया गया कि उन्होंने धतुरा बीज का जूस टिकटोक पर विडियो देखने के बाद पीया था। यह बीज विषाक्त होता है और तंत्रिका और उपापचयी प्रणाली पर अवांछनीय प्रभाव डाल सकता है।"

राओ ने कहा कि महिला गलत जानकारी पर विश्वास कर ली थी कि धतुरा बीज कोविड-19 से बचने के लिए शरीर में चमत्कारिक रूप से प्रतिरक्षा की शक्ति को बढ़ा देगा।

डॉक्टर ने गाँव वालों को सलाह दी कि वायरस से बचने हेतु बिना वैज्ञानिक पुष्टि के सोशल मीडिया पर पोस्ट किये गये उपायों पर विश्वास न करें।

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