इंदौर में कोरोना की स्थिति

प्रतीकात्मक तस्वीरप्रतीकात्मक तस्वीर

गुरुवार रात को 1988 कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए। इनमें 54 नए संक्रमित सामने आए। 4 लोगों की मौत भी हुई है। इसके अलावा 69 स्वस्थ मरीजों को अस्पतालों से डिस्चार्ज किया गया। 31 मई के बाद अनलॉक के 4 दिनों की बात करें तो संक्रमित मरीजों की संख्या में काफी कमी आई है। 1 जून से लेकर 4 जून के बीच 5057 टेस्टिंग की गई, जिसमें से 148 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वहीं, काेरोनावायरस ने 14 की मौत हो गई।

अब तक 41692 मरीजों की टेस्टिंग, 3687 पॉजिटिव मिले 
जिले में अब तक 41692 मरीजों की टेस्टिंग की जा चुकी है। जांच में 3687 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। इनमें से अब तक 149 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, ठीक होने वाले मरीजों की बात करें तो इंदौर के लिए काफी राहतभरी बात यह है कि अब तक 2243 लोग कोरोना को मात देकर घर लौट चुके हैं। जबकि अलग-अलग अस्पतालों में 1295 मरीज कोरोना का इलाज करवा रहे हैं। गार्डन और होम क्वारैंटाइन किए गए लोगों की बात की जाए तो 3919 लोगों को घर भेजा जा चुका है।

मरीजों को तीन से चार दिन में मिल रही जांच रिपोर्ट
कोरोनावायरस संक्रमण की जांच के लिए सैंपल की संख्या बढ़ा दी गई है, लेकिन मरीजों को समय पर रिपोर्ट नहीं मिल रही है। रिपोर्ट के लिए उन्हें तीन से चार दिन तक का इंतजार करना पड़ रहा है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज का दावा है कि प्रतिदिन एक हजार सैंपल की जांच की जा रही है, लेकिन अब भी मरीजों को एक दिन में रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है। रिपोर्ट देने में देरी को लेकर अधिकारियों का कहना है कि रोज डेढ़ हजार से दो हजार सैंपल आ रहे हैं। सबकी जांच यहां नहीं हो सकती है। इसलिए सैंपल निजी लैब में भी भेजे जा रहे हैं। इस कारण कुछ रिपोर्ट्स देरी से मिल रही हैं। खुद के खर्च पर निजी लैब में जांच कराने पर मरीजों को एक दिन में रिपोर्ट मिल रही है, जबकि प्रशासन के माध्यम से दिए जा रहे सैंपल की रिपोर्ट कम से कम 2 से 3 दिन का समय लग रहा है।

येलो श्रेणी के अस्पताल में सिर्फ दो निजी अस्पताल
जिला प्रशासन ने लॉकडाउन खुलते ही अस्पतालों की संख्या कम कर दी है। अब सिर्फ दो निजी अस्पताल ही येलो श्रेणी में रखे गए हैं। इसके अलावा दो सरकारी अस्पतालों में संदिग्ध मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था रहेगी। ईएसआईसी अस्पताल समेत अन्य निजी अस्पतालों को येलो श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। इसके अलावा चेस्ट सेंटर और एमटीएच अस्पताल में भी संदिग्ध मरीजों को रखा जा रहा है। सुयश अस्पताल 18 तारीख से बंद है। इसे ग्रीन अस्पताल में तब्दील किया जाएगा । वहीं, गोकुलदास अस्पताल में भी हंगामा होने के बाद से काम रोक दिया गया था।

57 लोगों से जुर्माना वसूला गया
महामारी को देखते हुए शहरवासियों के लिए जारी गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर इंदौर में संभवत: पहली बार लोगों से स्पॉट फाइन वसूलने की कार्रवाई भी की गई। मास्क नहीं लगाने वाले और सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं करने वाले 57 लोगों से जुर्माना वसूला गया। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर 28 लोगों से सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं करने तथा 29 लोगों से मास्क नहीं लगाने पर स्पॉट फाइन वसूला गया। बिना अनुमति दुकान व संस्थान खोलने वाले चार और  निर्माण करने वाले एक व्यक्ति पर भी कार्रवाई हुई।

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